ग्वाटेमाला में गर्भपात 1973 से पहले बिना किसी अपवाद के गैर-कानूनी था। सितम्बर 1973 में कांग्रेस (संसद) के फरमान 17-73 में दंड संहिता में बदलाव करते हुए कुछ मामलों में जब गर्भवती महिला का जीवन खतरे में हो, गर्भपात को कानूनी मान्यता मिली। यह प्रक्रिया किसी चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए एवं अन्य चिकित्सक द्वारा अनुमोदित होना चाहिए।