चन्द्र प्रकाश देवल | |
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जन्म |
1949[1] |
नागरिकता | भारत |
पेशा | कवि, लेखक |
प्रसिद्धि का कारण | पागी |
पुरस्कार | साहित्य अकादमी पुरस्कार,[2] बिहारी पुरस्कार |
डॉ॰ चन्द्र प्रकाश देवल (अथवा चंद्र प्रकाश देवल) प्रसिद्ध राजस्थानी कवि और अनुवादक हैं। वो राजस्थानी साहित्य अकादमी सलाहकार परिषद के संयोजक भी हैं। यह उदयपुर के है। • इनकी प्रथम रचना 'पागी' के लिए साहित्य अकादमी अवार्ड मिल चुका है।
• 'बोलो माधवी' रचना के लिए इन्हें मीरा सम्मान मिल चुका है। 'उडीक पुराण' के लिए इन्हें 2004 का सूर्यमल्ल मीसण पुरस्कार मिल चुका है।
• इन्होंने सूर्यमल्ल मीसण के 'वंश भास्कर' का हिन्दी अनुवाद किया है। (यह ग्रंथ भारतीय भाषाओं में महाभारत के बाद सबसे बड़ा ग्रंथ है।)
• 2009 में "झुरावों" रचना के लिए इन्हें कमल गोयनका पुरस्कार मिल चुका है।
• 2013 में बिहारी पुरस्कार भी मिल चुका है। यह पुरस्कार इनकी राजस्थानी भाषा की कृति 'हिरणा ! मौन साध वन चारणा' के लिए मिला।
• रचनाएँ- 'कावड़','मान','तोपनामा','पक्षतावा','मृत्यु किसी को डराती नहीं', 'मृत्यु से मत भागो', 'विपथगा'।
• इन्होंने रसियन उपन्यासकार फ्योदोर दोस्तेयेवस्की की रचना “Crime and Punishment" का तथा सेम्यूल बकेट के नाटक “Waiting for God of' का राजस्थानी में अनुवाद किया है।
उन्होंने बंगाली, उड़िया, गुजराती, हिन्दी और पंजाबी कविताओं और पुस्तकों का राजस्थानी में अनुवाद किया है। उन्होंने रूसी उपन्यासकार फ्योदोर दोस्तोवस्की के "क्राइम एंड पनिशमेंट" और सेम्युल बेकेट के नाटक "वेटिंग फॉर गोडोट" का भी अनुवाद किया।[3]
उनकी कुछ कविताएँ निम्न हैं: पछतावा, मृत्यु किसी को डराती नहीं, मृत्यु से मत भागो, विपथगा।
उन्हें सन् २०११ में भारत सरकार ने भारत के चतुर्थ सर्वोच्च नागरीक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह पागी के लिये उन्हें सन् 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (राजस्थानी) से सम्मानित किया गया।[4] उन्हें राजस्थानी साहित्य की सेवा करने और कविता "झुरावो" के लिए २००९ में मातृश्री कमल गोयनका राजस्थानी साहित्य सम्मान मिला। उन्हें अपनी कृति 'उदीक पुराण' के लिए सूर्यमल मिश्रण शिखर पुरस्कार (2004-05) प्रदान किया गया था।[5]
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(मदद)
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(मदद)
He has received Meera Puruskar 1999 from Rajasthani Sahitya Academy , Udaipur for his Hindi poetry Bolo Madhvi; Suryamal Mishan Award 2006 form Rajasthan Aasha Sahitya Academy , Bikaner;