जतोग Jutogh | |
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![]() जतोग सूर्यास्त | |
निर्देशांक: 31°06′14″N 77°06′40″E / 31.104°N 77.111°Eनिर्देशांक: 31°06′14″N 77°06′40″E / 31.104°N 77.111°E | |
देश | ![]() |
राज्य | हिमाचल प्रदेश |
ज़िला | शिमला ज़िला |
ऊँचाई | 1729 मी (5,673 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,062 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी, पहाड़ी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
जतोग (Jutogh) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य के शिमला ज़िले में स्थित एक छावनी नगर (कैंटोनमेंट बोर्ड) है। एक छावनी के रूप में इसकी स्थापना सन् 1843 में हुई थी।[1][2]
जतोग को 1843 में ब्रिटिश सरकार द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया था और तब जतोग छावनी की स्थापना हुई। पहले पहल यहाँ गोरखाओं की एक रेजिमेंट आकर बसी थी, और बाद में इसे बिशप कॉटन स्कूल के गवर्नरों को सौंप दिया गया था, लेकिन, इस उद्देश्य के लिए अनुपयुक्त पाए जाने पर, इसे कुछ समय के लिए छोड़ दिया गया था। गर्मियों के महीनों में ब्रिटिश माउंटेन आर्टिलरी की दो बैटरियां और ब्रिटिश इन्फैंट्री की दो कंपनियां यहां तैनात रहती थीं। वर्तमान में जतोग छावनी बोर्ड, छावनी अधिनियम, 2006 के तहत गठित एक सांविधिक निकाय है।
नगरपालिका निकाय के रूप में छावनी बोर्ड के गठन का मूल उद्देश्य इन क्षेत्रों में उचित सफाई व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता के चलते किया गया था। छावनी बोर्ड के कार्यों का दायरा नगरपालिका प्रशासन के पूरे क्षेत्र तक फैला हुआ है। बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के अलावा, छावनी बोर्ड, जतोग छावनी क्षेत्र के निवासियों के लिए सार्वजनिक कल्याण संस्थानों और सुविधाओं का प्रबंधन भी करता है।
भारत की 2011 जनगणना के अनुसार जतोग छावनी नगर में 2,062 निवासी थे, जिनमें से 1,434 पुरुष और 628 स्त्रियाँ थीं। 0-6 वर्ष के आयु के बच्चों की संख्या 134 (6.50%) थी। साक्षरता दर 90.04% था, जो राज्य औसत 82.80% से अधिक था। पुरुष साक्षरता 97.00% और स्त्री साक्षरता 73.04% थी।