जनकला (public art) किसी भी माध्यम में रची हुई कला की उन कृतियों को बोलते हैं जिन्हें ऐसे खुले वातावरण में प्रदर्शित करने की नियत से बनाया गया हो जहाँ जन-साधारण का बहुत आना-जाना रहे, मसलन किसी नगर का कोई मार्ग, चौराहा या चौक। इसमें मूर्तिकला व ग्रफ़ीटी जैसी कलाएँ शामिल हैं। अक्सर संग्रहालय में रखी हुई कला-कृतियों के विपरीत जनता को जनकला की कृतियों को छूने और पास से देखने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।[1]