जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट | |
---|---|
नेता | यासीन मलिक |
स्थापित | जून 1976 |
मुख्यालय | Muzaffarabad, Azad Jammu and Kashmir (Pakistan) |
विचारधारा | Kashmiri nationalism, secularism, separatism |
राष्ट्रीय संबद्धता | भारत, पाकिस्तान |
जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट (जेकेएलएफ़, अंग्रेज़ी: Jammu Kashmir Liberation Front - JKLF) जम्मू और कश्मीर में एक अलगाववादी संगठन है/ जिसका स्थापना अमानुल्लाह ख़ान और मक़बूल भट्ट ने किया है। यह मूलतः प्लेबिसाइट फ़्रंत की मिलिटेंट शाखा थी लेकिन 29 मई, 1977 को बर्मिंघम, इंग्लिस्तान में यह जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ़्रंट में परिवर्तित हो गया। उस समय से 1994 तक यह एक सक्रिय मिलिटेंत संगठन रहा है।[1][2] यूनाइटेड किंगडम, यूरोप, संयुक्त राज्य और मध्य-पूर्व के कई नगरों में इस संगठन की शाखाएँ मौजूद हैं। 1982 में पाक-अधिकृत कश्मीर के आज़ाद कश्मीर क्षेत्र में इसकी एक शाखा स्थापित हुई थी; जबकि 1987 में भारत की कश्मीर घाटी में इसकी एक शाखा स्थापित हुई।
1994 के बाद कश्मीर घाटी में मौजूद जेकेएलएफ़ के सैन्य बलों ने यासीन मलिक के नेतृत्व में 'अनिश्चितकालीन युद्धविराम' का ऐलान किया था, और कथित तौर पर इसकी सैन्य शाखा विघटित हुई। इसके नए उद्देश्य पूर्व जम्मू और कश्मीर रियासत के संपूर्ण क्षेत्र की स्वतंत्रता के लिए राजनीतिक संघर्ष करना है।[1] पाकिस्तान में स्थित जेकेएलएफ़ की शाखा इस नए उद्देश्य से असहमत थे और नतीजे में ये घाटी में स्थित शाखा से अलग हुए। 2005 में दोनों समूहों फिर से एकजुट हुआ और अंततः संगठन का मूल पहचान बरक़रार रखा गया था।
जेकेएलएफ़ के केवल मुसलमान सदस्य हैं,। इसका अंतिम लक्ष्य एक स्वतंत्र कश्मीर है जो दोनों भारत और पाकिस्तान से मुक्त है।[3][4] पाकिस्तानी सेना से हथियार और प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद,[5] यह संगठन पाकिस्तान को एक 'क़ब्ज़ा करने वाली शक्ति' के रूप में मानता है और आज़ाद कश्मीर में यह पाकिस्तान के ख़िलाफ़ राजनीतिक संघर्ष भी करता है।[6] यह एक कट्टरपंथी इस्लामी आतंकवादी संगठन है और इसने कश्मीर में हिन्दू ओ पर अत्याचार किये
{{cite web}}
: Check date values in: |archive-date=
(help)