जयन्त भट्ट ( 820 ई - 900 ई ) एक कश्मीरी कवि, अध्यापक, नैयायिक और राजा शंकरवर्मन के सलाहकार थे। वह महान नैयायिक थे [1] [2] उन्होंने न्याय दर्शन पर तीन रचनाएँ की, जिनमें से एक अप्राप्त है। न्यायमञ्जरी, न्यायसूत्रों पर उनका प्रसिद्ध भाष्य है।