जयमंत मिश्र | |
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जन्म |
15 अक्टूबर 1925[1] |
मौत |
7 सितंबर 2010, 8 सितंबर 2010[2] ![]() |
नागरिकता |
भारत,[3] ब्रिटिश राज, भारतीय अधिराज्य, भारत ![]() |
पेशा |
कवि, लेखक ![]() |
प्रसिद्धि का कारण |
कविता कुसुमांजलि ![]() |
पुरस्कार |
साहित्य अकादमी पुरस्कार,[4] साहित्य अकादमी पुरस्कार ![]() |
जयमन्त मिश्र (15 अक्टूबर 1925 – 7 सितम्बर 2010)) संस्कृत एवं मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार थे। इनके द्वारा रचित एक कविता–संग्रह कविता कुसुमांजलि के लिये उन्हें सन् 1995 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।[5] वे 1980 से 1985 तक कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के उपकुलपति रहे।
जयमन्त मिश्र का जन्म १५ अक्टूबर १९२५ को बिहार के मधुबनी जिले के हरिपुर मजरहीं में हुआ था। उनके पिता का नम सर्वनारायण मिश्र था। उन्होने बी ए और एम ए में स्वर्णपदक प्राप्त किए थे और पीएच्. डी., साहित्य शास्त्री, साहित्याचार्य, व्याकरणशास्त्री, व्याकरणाचार्य की उपाधियाँ अर्जित कीं। [6]
१९५२ से १९८५ तक बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर मे वयाख्याता, उपाचार्य , वरीय विश्वविद्यालय प्राचार्य एवम अध्यक्ष रहे। इसी बीच जून , १९६३ से सितम्बर , ६९ तथा जून , ७२ से जून , ७५ तक भारतीय सहयोग मिशन , काठमाण्डू , नेपाल में त्रिभुवन विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे। जुलाई , ८० से अक्टूबर , ८५ तक संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा मे कुलपति रहे।
डा. मिश्र को राष्ट्रपति पुरस्कार के अलावा कालिदास पुरस्कार, "संस्कृत रत्न", वाणभट्ट पुरस्कार, व्यास सम्मान, वाणी अलंकरण सम्मान एवं राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ द्वारा महामहोपाध्याय सम्मान से सम्मानित किया गया था।
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(मदद)
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