जयसिंहवर्मन चतुर्थ | |||||||||
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चम्पा के राजा | |||||||||
चम्पा के राजा | |||||||||
शासनावधि | 1307–1312 | ||||||||
पूर्ववर्ती | जयसिंहवर्मन तृतीय | ||||||||
उत्तरवर्ती | चे नांग | ||||||||
जन्म | c, 1284? चम्पा | ||||||||
निधन | 1312 एन नम | ||||||||
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पिता | जयसिंहवर्मन तृतीय | ||||||||
माता | भास्करादेवी |
जयसिंहवर्मन चतुर्थ अथवा महेन्द्रवर्मन अथवा चे ची (制至) सन् 1307 से 1312 तक चम्पा राज्य के राजा थे।[1][2] वो चे मन और रानी राजकुमारी भास्करादेवी के पुत्र थे। उनका जन्म सन् 1284 में राजकुमार हरिजीततमज के रूप में हुआ।[3]
चूँकि जय सिंहवर्मन चतुर्थ की वियतनामी सौतेली माँ ने चम्पा राज्य की परम्परा के अनुसार उनके पिता के साथ सती होने से मना कर दिया। अतः शांतिकाल के दौरान उनके पिता के साथ उनकी सौतेली माँ के विवाह के समय चम्पा द्वारा अन्नाम को दिये गये दो जिले वापस लेने की योजना बनायी। हालांकि इसमें उनकी हार हुई और अन्नाम की कारावास में ही उनका निधन हो गया। उनके पकड़े जाने के बाद उनके भाई चे दा ए बा अथवा चे नांग को चम्पा का कार्यभार मिला।[4]
पूर्वाधिकारी जयसिंहवर्मन तृतीय 1288–1307 |
चम्पा के राजा 1307–1312 |
उत्तराधिकारी चे नांग 1312–1318 |
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