जसपाल भट्टी | |
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जन्म |
जसपाल सिहं भट्टी 03 मार्च 1955 अमृतसर |
मौत |
25 अक्टूबर 2012 | (उम्र 57 वर्ष)
पेशा | हास्य कलाकार, निर्माता, निर्देशक |
कार्यकाल | 1990–2012 |
धर्म | सिख-राजपूत |
जीवनसाथी | सविता भट्टी |
जसपाल भट्टी (3 मार्च 1955 – 25 अक्टूबर 2012)[1] हिन्दी टेलिविज़न और सिनेमा के एक जाने-माने हास्य अभिनेता, फ़िल्म निर्माता एवं निर्देशक थे।उन्होंने पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज से विद्युत अभियांत्रिकी की डिग्री ली [2], लेकिन बाद में वे नुक्कड़ थिएटर आर्टिस्ट बन गए. व्यंग-चित्रकार (कार्टूनिस्ट) जसपाल भट्टी, 80 के दशक के अंत में दूरदर्शन की नई प्रातःकालीन प्रसारण सेवा में उल्टा-पुल्टा कार्यक्रम के माध्यम से प्रसिद्ध हुए थे।उनके इस सबसे लोकप्रिय फ़्लॉप शो को उनकी उनकी पत्नी सविता भट्टी ने प्रोड्यूस किया साथ ही उसमें अभिनय भी किया| इस शो से इससे पहले जसपाल भट्टी चण्डीगढ़ में द ट्रिब्यून नामक अख़बार में व्यंग्य चित्रकार के रूप में कार्यरत थे। एक व्यंग्य चित्रकार होने के नाते इन्हे आम आदमी से जुड़ी समस्याओं और व्यवस्था पर व्यंग्य के माध्यम से चोट करने का पहले से अनुभव था। अपनी इसी प्रतिभा के चलते उल्टा-पुल्टा को जसपाल भट्टी बहुत रोचक बना पाए थे। ९० के दशक के प्रारम्भ में जसपाल भट्टी दूरदर्शन के लिए एक और टेलीविज़न धारावाहिक, फ्लॉप शो लेकर आए जो बहुत प्रसिद्ध हुआ और इसके बाद जसपाल भट्टी को एक कार्टूनिस्ट की बजाय एक हास्य अभिनेता के रूप में जाना जाने लगा। २५ अक्टूबर २०१२ को सुबह ३ बजे जालंधर, पंजाब में एक सड़क दुर्घटना में उनका निधन हो गया।[3]
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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2006 | फ़ना | ||
2005 | कुछ मीठा हो जाये | ||
2003 | कुछ ना कहो | ||
2003 | तुझे मेरी कसम | ||
2002 | जानी दुश्मन | ||
2002 | कोई मेरे दिल से पूछे | ||
2002 | शक्ति | ||
2002 | ये है जलवा | ||
2000 | हमारा दिल आपके पास है | ||
2000 | खौफ़ | ||
1999 | जानम समझा करो | ||
1999 | काला साम्राज्य | ||
1999 | आ अब लौट चलें | इकबाल | |
1999 | कारतूस |