ज़ंजीर / तूफ़ान | |
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निर्देशक | अपूर्व लाखिया |
पटकथा |
सुरेश नैर अपूर्व लाखिया |
कहानी | अपूर्व लाखिया |
निर्माता |
पुनीत प्रकाश मेहरा सुमीत प्रकाश मेहरा |
अभिनेता |
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छायाकार | गुरुराज आर॰ जैस |
संपादक | चिंटू सिंह |
संगीतकार |
मीत ब्रॉस अंजान आनन्द राज आनन्द |
निर्माण कंपनियां |
प्रकाश मेहरा प्रोडक्शन्स फ़्लाइंग टर्टल फ़िल्म्स |
वितरक | रिलायंस इंटरटेनमेंट |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
137 मिनट |
देश | भारत |
भाषायें |
हिन्दी तेलुगू |
लागत | ₹45 करोड़ (US$6.57 मिलियन) |
कुल कारोबार | ₹49.5 करोड़ (US$7.23 मिलियन). (प्रथम दिन की कमाई) |
ज़ंजीर (तेलुगू शीर्षक तूफान) 2013 की भारतीय एक्शन फ़िल्म है जिसका निर्देशन अपूर्व लाखिया ने किया है, जिसे एक साथ ही हिन्दी और तेलुगू में जारी किया गया है। फ़िल्म में बॉलीवुड में नवोदित टॉलीवुड अभिनेता राम चरण सहित प्रियंका चोपड़ा मुख्य भूमिका में हैं। प्रकाश राज ने वांटेड, सिंघम और दबंग 2 जैसी सफल फ़िल्में देने के बाद इस फ़िल्म में काम किया है।[2] यह 1973 की इसी नाम से बनी फ़िल्म की पुनः कृत्ति है। फ़िल्म का हिन्दी संस्करण चीनी में चियलो कज्लग के रूप में रुपान्तरित किया गया है। फ़िल्म के तेलुगू संस्करण का अनुवाद मलयालम में क्या गया है जिसके जारी करने की तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है। हिन्दी एवं तमिल संस्करणों को 6 सितम्बर 2013 को जारी कर दिया गया।
विजय खन्ना (राम चरण तेजा) एक ईमानदार और सिद्धांतवादी पुलिस अफ़सर है। लेकिन कई बार अपनी ईमानदारी की वजह से वो भ्रष्ट तंत्र में मुश्किल में पड़ जाते हैं। उनका कई बार तबादला कर दिया जाता है और एक बार बदली करके उन्हें मुम्बई भेज दिया जाता है जहां एक हत्या की जाँच में लगाया जाता है। इस हत्याकांड की चश्मदीद गवाह माला (प्रियंका चोपड़ा) हैं। उनकी आंखों के सामने एक व्यक्ति को ज़िन्दा जला दिया जाता है। जांच के दौरान उनकी मुलाक़ात एक ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से काम कर रहे कार डीलर शेर ख़ान (संजय दत्त) और बिज़नेस मैन की आड़ में रह रहे अपराधी रुद्र प्रताप तेजा (प्रकाश राज) से होती है। इस बीच विजय, माला को पुलिस की मदद करने के लिए तैयार कर लेते हैं और दोनों एक दूसरे के बेहद क़रीब भी आ जाते हैं। हत्या की जांच से धीरे-धीरे विजय को पता चलता है कि जिस शख़्स की हत्या हुई वो ग़ैर-क़ानूनी तेल माफ़िया का राज़ फ़ाश करना चाहता था और इस वजह से उसकी हत्या कर दी जाती है। इस सारे कांड के पीछे है रुद्र प्रताप तेजा विजय खन्ना के साथ भी बचपन में कुछ ऐसा ही होता है। जब वो आठ साल का होता है तब उसके मां-बाप की हत्या कर दी जाती है। विजय कई सालों बाद तक इस हत्याकांड की ख़ौफ़नाक यादों से उबर नहीं पाता. इस बीच विजय खन्ना की बहादुरी और ईमानदारी से प्रभावित होकर शेर ख़ान अपने बुरे धंधे छोड़ देता है और उनकी मदद करने का फ़ैसला करता है।
ज़ंजीत | |
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संगीत
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जारी | अगस्त 12, 2013 |
रिकॉर्डिंग | 2013 |
संगीत शैली | फ़िल्म संगीत |
लंबाई | 32:28 |
भाषा | हिन्दी |
लेबल | टी-सीरीज़ |
निर्माता |
आनन्द राज आनन्द मीत ब्रॉस अंजान चिरन्तन भट्ट |
हिन्दी संस्करण | ||||
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क्र॰ | शीर्षक | संगीतकार | संगीत | अवधि |
1. | "मुम्बई के हीरो" | चिरन्तन भट्ट | मिका सिंह, तालिया बेंटसन | 4:40 |
2. | "पिंकी" | मीत ब्रॉस अंजान | ममता शर्मा, मीत ब्रॉस अंजान | 4:11 |
3. | "लम्हा तेरा मेरा" | चिरन्तन भट्ट | वजही फारूकी, पलक मुछल | 5:03 |
4. | "खोची पठान की ज़ुबान (कवाली)" | मीत ब्रॉस अंजान | सुखविंद्र सिंह, शबाब सब्री, मीत ब्रॉस अंजान | 6:15 |
5. | "कातिलाना" | मीत ब्रॉस अंजान | श्वेता पण्डित | 5:03 |
6. | "शकिला बानू" | आनन्द राज आनन्द | श्रेया घोषाल | 3:43 |
7. | "कातिलाना (क्लब मिक्स)" | मीत ब्रॉस अंजान | श्वेता पण्डित, मीत ब्रॉस अंजान | 3:33 |
कुल अवधि: | 32:28 |
तूफान | |
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संगीत
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जारी | अगस्त 27, 2013[3] |
रिकॉर्डिंग | 2013 |
संगीत शैली | फ़िल्म संगीत |
लंबाई | 21:17 |
भाषा | तेलुगू भाषा |
लेबल | टी-सीरीज़ |
निर्माता |
आनन्द राज आनन्द मीत ब्रॉस अंजान चिरन्तन भट्ट |
सभी गीत चन्द्रबोस (तेलुगू) द्वारा लिखित।
तेलुगू सस्करण | ||||
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क्र॰ | शीर्षक | संगीतकार | गायक | अवधि |
1. | "मुम्बई के हीरो" | चिरन्तन भट्ट | जसप्रीत जस्ज़, रोशनी बप्टिस्ट, राम चरण | 4:38 |
2. | "पिंकी" | मीत ब्रॉस अंजान | ममता शर्मा | 4:10 |
3. | "प्रेमिंचा।." | चिरन्तम भट्ट | म्यनमपति श्रीरामा चन्द्र, शालमली खोलगड़े | 3:43 |
4. | "वेच्चानैना" | मीत ब्रॉस अंजान | श्वेता पण्डित | 5:03 |
5. | "शाकिला चेंटू" | आनन्द राज आनन्द | श्रेया घोषाल | 3:43 |
कुल अवधि: | 21:17 |