जिस्म | |
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जिस्म का पोस्टर | |
निर्देशक | अमित सक्सेना |
लेखक |
महेश भट्ट निरंजन आयंगर (संवाद) |
निर्माता |
पूजा भट्ट सुजीत कुमार सिंह |
अभिनेता |
बिपाशा बसु, जॉन अब्राहम, गुलशन ग्रोवर |
संगीतकार | एम॰ एम॰ कीरावणी |
प्रदर्शन तिथियाँ |
17 जनवरी, 2003 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
जिस्म 2003 में बनी हिन्दी भाषा की प्रेम-संबंधी थ्रिलर फिल्म है। यह अमित सक्सेना द्वारा निर्देशित, महेश भट्ट द्वारा लिखित और पूजा भट्ट और सुजीत कुमार सिंह द्वारा निर्मित है। इसमें बिपाशा बसु और जॉन अब्राहम ने अभिनय किया। जॉन ने इससे फिल्मी दुनिया में कदम रखा था। फिल्म का संगीत एम॰ एम॰ कीरावणी ने रचित किया था।
कबीर (जॉन अब्राहम) दुःखी, शराबी, बल्कि गरीब वकील है। सिद्धार्थ (विनय पाठक) एक पुलिस अफसर और विशाल (रणवीर शौरी) उसके बहुत अच्छे दोस्त हैं। उसके दोनों दोस्त उसे परेशानियों से दुर रखते हैं। एक दिन उसकी मुलाकात सोनिया खन्ना (बिपाशा बसु) से होती है, जो एक अमीर व्यापारी, रोहित खन्ना (गुलशन ग्रोवर) की बीवी है।
कबीर को सोनिया से प्यार हो जाता है। सोनिया भी उससे प्यार करने लगती है। वो सोनिया को तलाक लेने बोलता है तो वो कहती है कि उसके पति को ये पता चलेगा तो वो दोनों को मार देगा। सोनिया उसे अपने पति को मारने के लिये राजी करा लेती है। उसकी बहन प्रियंका, उसे चेतावनी देने की कोशिश करती है कि सोनिया केवल पैसे में दिलचस्पी रखती है और रोहित की पहली पत्नी को मार चुकी है। जैसे ही वो उसके पति को मार देता है, वैसे ही सारा शक उसके ऊपर आ जाता है। सिद्धार्थ, जिसे ये मामला सौंपा जाता है, दोस्ती और कर्तव्य के बीच फँस जाता है। बाद में कबीर को पता चलता है कि सोनिया सिर्फ पैसों के पीछे है।
इस बात को लेकर जब वो सोनिया से बहस करता है तो वो बताती है कि उसने कभी उससे प्यार नहीं किया। कबीर को अपनी गलती का एहसास होता है और वो पुलिस को सब कुछ बताकर अपने गुनाहों की सजा प्राप्त करने जाने वाला होता है कि सोनिया उसे गोली मार देती है। बाद में वो भी सोनिया को गोली मार देता है और अपने दोस्त, जो पुलिस अफसर है, को फोन कर बुला लेता है। अगले दिन की सुबह, सुर्य की किरण के निकलते साथ ही जख्म के कारण उसकी भी मौत हो जाती है।
सभी एम॰ एम॰ कीरावणी द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "आवारापन बंजारापन" (I) | सईद क़ादरी | केके | 7:01 |
2. | "दिल से यही शिकायत है" | सईद क़ादरी | रूप कुमार राठौड़ | 6:47 |
3. | "मेरे ख्वाबों का हर एक" | सईद क़ादरी | उदित नारायण | 4:37 |
4. | "चलो तुम को लेकर" | नीलेश मिश्रा | श्रेया घोषाल | 4:48 |
5. | "आवारापन बंजारापन" (II) | सईद क़ादरी | एम॰ एम॰ कीरावणी | 4:16 |
6. | "जादू है नशा है" (सोलो) | नीलेश मिश्रा | श्रेया घोषाल | 5:29 |
7. | "जादू है नशा है" (डुएट) | नीलेश मिश्रा | शान, श्रेया घोषाल | 5:28 |
8. | "आवारापन बंजारापन" (III) | सईद क़ादरी | एम॰ एम॰ कीरावणी | 2:49 |
9. | "चलो तुम को लेकर" (II) | नीलेश मिश्रा | श्रेया घोषाल | 2:57 |
वर्ष | नामित कार्य | पुरस्कार | परिणाम |
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2004 | बिपाशा बसु | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ खलनायक पुरस्कार | नामित |
श्रेया घोषाल ("जादू है नशा है") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | जीत |