जीत गई तो पिया मोरे | |
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शैली | सोप ओपेरा |
निर्माणकर्ता | जय मेहता, किन्नरी मेहता |
लेखक | एस. मनस्वी |
निर्देशक | अमित गुप्ता रणदीप महादिक नीरज पांडे |
मूल देश | भारत |
मूल भाषा(एँ) | हिंदी |
एपिसोड की सं. | 238 |
उत्पादन | |
कार्यकारी निर्माता | रंजन जेना |
निर्माता | जय मेहता |
उत्पादन स्थान | मुंबई |
कैमरा स्थापन | मल्टी कैमरा |
प्रसारण अवधि | 21 मिनट |
उत्पादन कंपनी | जय प्रोडक्शन |
मूल प्रसारण | |
नेटवर्क | जी टीवी |
प्रसारण | 21 अगस्त 2017 23 जुलाई 2018 | –
जीत गई तो पिया मोरे एक भारतीय हिंदी रोमांटिक ड्रामा टेलीविजन श्रृंखला है, जिसका प्रीमियर 21 अगस्त 2017 को हुआ और ज़ी टीवी पर प्रसारित किया गया। श्रृंखला का निर्माण जय मेहता के जय प्रोडक्शन द्वारा किया गया था।[1][2][3][4][5] यह श्रृंखला 23 जुलाई 2018 को समाप्त हुई। इसने सेठजी का स्थान लिया।
यह सीरीज देवी चौहान की कहानी है, जिसकी जबरदस्ती एक प्रतिद्वंद्वी परिवार में शादी करा दी जाती है। देवी ने कम उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया था, और उनका पालन-पोषण उनके चाचा, भरत चौहान और उनकी चाची, रेखा चौहान ने किया। गांव में खतरे के कारण उसका पालन-पोषण उसके परिवार से दूर शहर में हुआ है। जब वह अपने परिवार को आश्चर्यचकित करने के लिए अपने गाँव वापस आती है, तो उसकी नज़र उसके प्रतिद्वंद्वी परिवार के एक अमीर लड़के अधिराज राजावत पर पड़ती है। वह उसे थप्पड़ मारती है और फिर वह उसके प्रति आसक्त हो जाता है। उसने देवी से जबरदस्ती शादी की और खुलासा किया कि उसने बदला लेने के लिए ऐसा किया।