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मिशन प्रकार | संचार उपग्रह |
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संचालक (ऑपरेटर) | इसरो |
मिशन अवधि | 12 वर्ष (अनुमानित) |
अंतरिक्ष यान के गुण | |
बस | आई-3के |
निर्माता |
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन उपग्रह केंद्र अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र |
लॉन्च वजन | 3,423 कि॰ग्राम (7,546 पौंड)[1] |
ऊर्जा | 2 सौर सरणी बैटरी |
मिशन का आरंभ | |
प्रक्षेपण तिथि | 2018 (योजना) |
रॉकेट | जीएसएलवी मार्क 3 डी2[2] |
प्रक्षेपण स्थल | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र द्वितीय लांच पैड |
ठेकेदार | इसरो |
कक्षीय मापदण्ड | |
निर्देश प्रणाली | भूकेंद्रीय |
काल | भू-स्थिर |
जीसैट-29 (GSAT-29) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा विकसित किया जा रहा एक संचार उपग्रह है।[2][3] दो क्यू और का परिचालन पेलोड डिजिटल भारत कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर क्षेत्रों को संचार सेवाएं प्रदान करेंगे।[4] जीएसएटी -29 भारतीय लॉन्च वाहन द्वारा कक्षा में रखा गया सबसे भारी उपग्रह था।[5] [6] जीसैट-29 उपग्रह वजन लगभग 3,423 कि॰ग्राम (7,546 पौंड) है।[7]
उपग्रह को जीएसएलवी मार्क 3 की कक्षीय विकास उड़ान पर 2018 में लॉन्च किया गया।[8] इसके उड़ान का नाम जीएसएलवी मार्क 3 डी2 है। जीएसएलवी एमके III ने सफलतापूर्वक जीएसएटी -29 उपग्रह को जिओसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट (जीटीओ) में रखा।[9]