जेजाकभुक्ति के चन्देल | |||||||||||
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ल. 831 – 1315 CE | |||||||||||
![]() विद्याधर चन्देल के काल 1025 ई. में चन्देलों का राज्य-विस्तार[1] | |||||||||||
राजधानी | |||||||||||
धर्म | |||||||||||
सरकार | राजशाही | ||||||||||
ऐतिहासिक युग | मध्यकालीन भारत | ||||||||||
• स्थापित | ल. 831 | ||||||||||
• अंत | 1315 CE | ||||||||||
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अब जिस देश का हिस्सा है | बुन्देलखण्ड, भारत |
जेजाकभुक्ति के चन्देलों ने लगभग 9वीं से 15वीं शताब्दी तक वर्तमान भारत के मध्य भाग में वर्तमान बुंदेलखंड नामक भौगोलिक क्षेत्र एवं कुछ आसपास के क्षेत्रों पर शासन किया।[2] उनके द्वारा शासित क्षेत्र को जेजाकभुक्ति अथवा जिझौती या जुझौती के नाम से जाना जाता था। चन्देल राजपूतों का एक वंश अथवा कबीला है,[3] जिन्होंने अन्य कई भौगोलिक क्षेत्रों में शासन किया; हालाँकि, इनमें से जेजाकभुक्ति के चन्देल अधिक प्रभावशाली रहे।
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