ज्यावक्रीय प्रक्षेप एक छद्म-बेलनाकार समक्षेत्र प्रक्षेप है जिसे कभी-कभी सैन्सन-फ्लैमस्टेड प्रक्षेप भी कहा जाता है अथवा मर्केटर का समक्षेत्र प्रक्षेप कहा जाता है। दायपे के जीन कॉसीं ने संभवतः सबसे पहले इस प्रक्षेप का प्रयोग विश्व के मानचित्र को प्रदर्शित करने हेतु १५७० में किया था। यह प्रक्षेप निम्नवत परिभाषित होता है:
जहाँ φ अक्षांश है, λ देशांतर है, और λ₀ केन्द्रीय मध्याह्न रेखा है।[1]
मापनी (स्केल) हमेशा केन्द्रीय मध्याह्न रेखा के सहारे शुद्ध होती है और पूरब से पश्चिम की ओर यह सर्वत्र सही होती है। यही कारण है कि नक़्शे पर प्रत्येक समान्तर रेखा की लंबाई ग्लोब पर अपने अक्षांश के सह्ज्या (cosine) के अनुपात में होती है। इसके कारण मानचित्र के दाहिने और बाएं पार्श्व एक दूसरे के प्रतिबिम्बवत् ज्यावक्रों के अर्धकों की आकृति वाले होते हैं। प्रधान मध्याह्न रेखा - जो एक सीधी रेखा होती है - के अलावा बाकी प्रत्येक मध्याह्न रेखा भी ज्यावक्रीय तरंग का अर्द्धांश होती है किन्तु सभी अपने देशांतर के मान के अनुसार अलग-अलग एम्प्लीच्यूड वाली होती है, जिससे इस प्रक्षेप का नाम सिनुसॉइडल या ज्यावक्रीय पड़ा। सभी मध्याह्न रेखाओं की लंबाई प्रधान मध्याह्न रेखा से अधिक प्रदर्शित की जाती है जबकि ग्लोब पर वे सभी समान लंबाई की होती हैं।मानचित्र के किनारों की ओर यह पैटर्न अधिक प्रबल होता जाता है, और विरूपण का कारण बनता है।
दो बिंदुओं के मध्य शुद्ध दूरियाँ केन्द्रीय मध्याह्न रेखा के सहारे और विषुवत रेखा के सहारे नापी जा सकती हैं। किसी अन्य मध्याह्न रेखा के सहारे शुद्ध दूरियाँ उन स्थानों से गुजरने वाली समान्तर रेखाओं के मध्य ऊर्ध्वाधर दूरी नाम कर प्राप्त की जा सकती हैं। मानचित्र पर केन्द्रीय मध्याह्न रेखा और विषुवत रेखा के आसपास के क्षेत्रों में विरूपण सबसे कम होता है और इनसे दूर होने पर बढ़ता जाता है।
ज्यावक्रीय प्रक्षेप की तरह ही वार्नर प्रक्षेप, इंटरमीडिएट बोन प्रक्षेप और बॉटमली का प्रक्षेप कुछ ऐसे अन्य प्रक्षेप हैं जिनपर निर्मित मानचित्रों में ध्रुवों की ओर होने वाले विरूपण के कारण ये क्षेत्र सिकुड़े हुए प्रदर्शित होते हैं।
मॉडलैण्ड (MODLAND) ग्रिड नासा द्वारा विकसित एक भूमीतीय ग्रिड है जो ज्यावक्रीय प्रक्षेप पर आधारित है और यह मॉडिस - Moderate-Resolution Imaging Spectroradiometer (MODIS) - आँकड़ों के प्रदर्शन हेतु इस टीम द्वारा निर्मित किया गया है।[2]