भारत में झारखंड दिसोम पार्टी एक राजनीतिक पार्टी थी, जिसकी स्थापना 2002 में भारतीय जनता पार्टी के सांसद सालखन मुर्मू ने की थी। पार्टी आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए काम करती थी। यह पार्टी आदिवासियों के लिए अधिक कोटा और आरक्षण के मुद्दों पर काम करती थी।
2003 में, झारखंड दिसोम पार्टी ने झारखंड फ्रंट को चार अन्य पार्टियों अर्थात् झारखंड पीपुल्स पार्टी, झारखंड पार्टी (नरेन), झारखंड पार्टी (होरो) और झारखंड विकास पार्टी के साथ मिलकर लॉन्च किया था।
2004 के लोकसभा चुनाव में, झारखंड दिसोम पार्टी ने पश्चिम बंगाल से चार, बिहार से दो और झारखंड से एक उम्मीदवार को उतारा था।
झारखंड दिसोम पार्टी महाराष्ट्र में उत्तर भारतीयों के खिलाफ राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के आंदोलन का समर्थन करती थी।[1]
अगस्त 2014 में, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की मौजूदगी में सालखन मुर्मू ने अपनी झारखंड दिसोम पार्टी का भाजपा में विलय किया।[2][3][4][5]
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