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प्रकार | सार्वजनिक कम्पनी (BSE: 532540, NSE: TCS) |
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उद्योग |
सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएँ सूचना प्रौद्योगिकी परामर्श |
स्थापना | १९६८ |
मुख्यालय | मुंबई, महाराष्ट्र, भारत |
प्रमुख व्यक्ति |
सायरस मिस्त्री (चेयरमैन) एस रामदुरई (वाइस चेयरमैन) नटराजन चन्द्रशेखरन (मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक) |
उत्पाद |
टीसीएस बैंक्स टीसीएस मास्टरक्राफ्ट टीसीएस प्रौद्योगिकी उत्पाद |
सेवाएँ |
सूचना प्रौद्योगिकी बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग परामर्श |
राजस्व | ₹48,894 करोड़ (US$7.14 अरब)(२०१२) |
प्रचालन आय | ₹13,517 करोड़ (US$1.97 अरब)(२०१२) |
लाभ | ₹10,413 करोड़ (US$1.52 अरब)[1](२०१२) |
कुल संपत्ति | $5.6112 billion (2010) |
कर्मचारी | 3,५४,००० [2](२०१२) |
मातृ कंपनी | टाटा समूह |
वेबसाइट | tcs.com |
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लिमिटेड (टीसीएस) एक भारतीयबहुराष्ट्रीय सॉफ्टवेर सर्विसेस एवं कंसल्टिंग कंपनी है।[3] यह दुनिया की सबसे बड़ी सूचना तकनीकी तथा बिज़नस प्रोसेस आउटसोर्सिंग सेवा प्रदाता कंपनियों में से है। साल 2007 में, इसे एशिया की सबसे बड़ी सूचना प्रोद्योगिकी कंपनी आँका गया। भारतीय आई टी कंपनियों की तुलना में टीसीएस के पास सबसे अधिक कर्मचारी हैं। टीसीएस के ४४ देशों में 2,54,000 कर्मचारी हैं। 31 मार्च 2012 को ख़त्म होने वाले वित्तीय वर्ष में कंपनी ने १०.१७ अरब अमेरिकी डॉलर का समेकित राजस्व हासिल किया। टीसीएस भारत के नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी है।
टीसीएस एशिया की सबसे बड़ी कंपनी समूह में से एक टाटा समूह का एक हिस्सा है। टाटा समूह ऊर्जा, दूरसंचार, वित्तीय सेवाओं, निर्माण, रसायन, इंजीनियरिंग एवं कई तरह के उत्पाद बनाता है। वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का मुनाफा 33.19% बढ़कर 7,000.64 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान कंपनी की आमदनी करीब 8% बढ़कर 30,028.92 करोड़ रुपये हो गयी। अप्रैल 2018 में, टीसीएस बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में अपनी एम-कैप 6,79,332.81 करोड़ रुपये (102.6 अरब डॉलर) के बाद 100 अरब डॉलर के बाजार पूंजीकरण करने वाली पहली भारतीय आईटी कंपनी बन गई,[4][5] और दूसरी भारतीय कंपनी (रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 2007 में इसे हासिल करने के बाद)।[6][7][8] सितंबर 2021 में, TCS ने 200 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बाजार पूंजीकरण दर्ज किया, जिससे वह ऐसा करने वाली पहली भारतीय आईटी टेक कंपनी बन गई।[9][10][11]
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस की स्थापना सन् 1968 में हुई। इसकी शुरुआत टाटा समूह के एक विभाग के तौर पर "टाटा कंप्यूटर सेंटर" के नाम से हुई। तब इसका मुख्य व्यवसाय अपने ही समूह की अन्य कंपनियों को कंप्यूटर सेवाएं प्रदान करना था। जल्द ही कम्प्यूटरीकरण तथा कंप्यूटर सेवाओं की क्षमताएं उजागर होने लगीं और तब टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी के एक इलेक्ट्रिकल इंजीनियर फ़कीर चंद कोहली (Fakir Chand Kohli) को "टाटा कंप्यूटर सेंटर" का जनरल मेनेजर बनाया गया। कुछ ही समय बाद कंपनी का नामकरण टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस कर दिया गया।
टीसीएस ने अपना पहला सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट प्रोजेक्ट १९७४ में आरम्भ किया जब कंपनी ने हॉस्पिटल इन्फोर्मेशन सिस्टम को बुर्होज़ (Burroughs) मीडियम सिस्टम्स कोबोल (COBOL) से बुर्होज़ स्मॉल सिस्टम्स कोबोल में बदल दिया। इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह से टीसीएस मुंबई में आई.सी.एल. १९०३ कंप्यूटर पर अंजाम दिया गया। १९८० में भारतीय सॉफ्टवेर उद्योग के कुल निर्यात में ६३% योगदान टीसीएस और उसकी एक सहयोगी फर्म ने दिया, जबकी अन्य कंपनियों की हिस्सेदारी मात्र ४० लाख डॉलर थी। १९८४ में टीसीएस ने सान्ताक्रुज़ इलेक्ट्रोनिक्स एक्सपोर्ट प्रोसेसिंग ज़ोन, मुम्बई में अपना एक दफ्तर स्थापित किया।
१९९० के दशक में टीसीएस के कारोबार में ज़बरदस्त बढोत्तरी हुयी, जिसके परिणाम स्वरुप कंपनी ने बडे पैमाने पर भर्तियाँ कीं। १९९० के दशक के आरंभिक एवं मध्य के वर्षों में, टी सी एस ने ख़ुद को एक सॉफ्टवेर उत्पाद निर्माता कंपनी के तौर पर पुनः स्थापित किया। १९९० के दशक के आख़री सालों में, टीसीएस ने तीन आयामों वाली रणनीती का प्रयोग किया - खूब पैसा कमाने वाले नए उत्पादों का विकास करना, घरेलू तथा अन्य तेज़ी से प्रगति करने वाले बाजारों पर कब्ज़ा ज़माना और दूसरी कंपनियों के विलय व अधिग्रहण से अपना आकार बढाना। १९९८ के अंत में, कंपनी ने फ़ैसला किया कि पैसा कमाने के नए अवसरों पर ध्यान केंद्रित किया जाए, जिनमें वाई टू के तथा यूरो कनवर्ज़न भी शामिल थे। १९९० के दशक के अंत में ई-बिज़नस पर कंपनी ने ख़ास ध्यान दिया।
२००४ में टीसीएस एक सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनी बन गयी।
8 अक्टूबर 2020 को, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने मार्केट कैपिटलाइज़ेशन में एक्सेंचर को पीछे छोड़ते हुए 144.73 बिलियन डॉलर की मार्केट कैप के साथ दुनिया की सबसे मूल्यवान आईटी कंपनी बन गई।[12] 25 जनवरी 2021 को, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने फिर से एक्सेंचर को बाजार पूंजीकरण में पीछे छोड़ दिया, 170 बिलियन डॉलर की मार्केट कैप के साथ दुनिया की सबसे मूल्यवान आईटी कंपनी बन गई।[13] उसी दिन, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी बन गई, जिसने ₹ 12.55 लाख करोड़ की मार्केट कैप के साथ रिलायन्स इण्डस्ट्रीज को पीछे छोड़ दिया।[14]
टीसीएस कई क्षेत्रों से सम्बन्धित सेवाएँ प्रदान करती है। वर्ष २०११-२०१२ में, टीसीएस के कुल आमदनी में विभिन्न सेवा क्षेत्रों का प्रतिशत इस प्रकार था[15]-
सेवाओं के अलावा टीसीएस कुछ उत्पाद भी मुहैया कराती है।
टीसीएस बैंक्स
टीसीएस मास्टरक्राफ्ट
टीसीएस प्रौद्योगिकी उत्पाद
टी सी एस के डवलपमेंट सेंटर एवं/या प्रादेशिक कार्यालय निम्नलिखित भारतीय शहरों में स्थित हैं: अहमदाबाद, बंगलोर, वडोदरा, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोयम्बटूर, दिल्ली, गांधीनगर, गोवा, गुडगाँव, हैदराबाद, जमशेदपुर, कोच्ची, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नोएडा, पुणे और तिरुवनंतपुरम[16]
एशिया (भारत के बाहर): बहरीन, चीन, इंडोनेशिया, इस्राईल, जापान, मलेशिया, सऊदी अरब, सिंगापूर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, थाईलैंड, यू.ए.ई.
बेल्जियम (Belgium), डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, हंगरी, आइसलैंड, आयरलैण्ड (Ireland), इटली, लक्ज़मबर्ग, नीदरलैंड, नोर्वे, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, युनाईटेड किंगडम
उत्तरी अमरीका: कनाडा, मेक्सिको, संयुक्त राज्य अमरीका
दक्षिण अमेरिका: अर्जेंटीना, ब्राज़ील, चिली, कोलम्बिया, इक्वाडोर, उरुग्वे
नए डोमेन सोल्युश्नो के शोध एवं विकास हेतु टी सी एस की अनुसंधान तथा विकास प्रयोगशालाएं ५ देशों में फ़ैली हैं। इनमें से ज्यादातर लैबस भारत में ही स्थित हैं।
टाटा अनुसंधान विकास एवं डिजाइन केन्द्र, टीसीएस इनोवेशन लैब्स नेटवर्क का एक हिस्सा है जिसकी स्थापना १९८१ में पुणे में हुयी.यह केन्द्र अनुसंधान एवं विकास (R&D) सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग (software engineering) और प्रोसेस इंजीनियरिंग (process engineering) का काम करता है।
TRDDC में अनुसंधान और विकास कार्य विभिन्न समूहों में किया जाता है और हर समूह अपने क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करता है। एक दूसरे से सम्बन्ध रखने वाले प्रोजेक्ट्स भी यहाँ किए जाते हैं। TRDDC टीसीएस एवं बड़े ग्राहकों हेतु समाधान प्रदान करता है। इसके उत्पादों को एक्लिप्स इंटीग्रेशन फ्रेम वर्क (Eclipse Integration Framework) के साथ एकीकृत करने के प्रयास चल रहे हैं।
TRDDC का प्रोसेस इंजीनियरिंग ग्रुप इस्पात व ऑटो मोटिव सेक्टर के लिए औद्योगिक यूनिट ऑपरेशंस की मोडेलिंग एवं अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित करता है।
इसके अलावा, TRDDC लैंगुएज प्रोसेसिंग, फोर्मल मेथड, आरटीफिशिअल इंटेलिजेंस डीसीजन सपोर्ट (decision support) के क्षेत्रों में भी सक्रीय है।
जनवरी २००७ में TRDDC ने पुणे स्थित अपने मुख्यालय में अपनी सिल्वर जुबली मनाई.मुख्य अतिथि (Chief Guest) थे पूर्व राष्ट्रपति (president) डॉ॰ ए. पी. जे अब्दुल कलाम (A. P. J. Abdul Kalam)[19].
कंपनी विभिन्न स्थलों पर तरक्की कर रही है जैसे पूर्वी यूरोप, लैटिन अमेरिका और चीन (टाटा इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (शंघाई) कंपनी लिमिटेड (TATA Information Technology (Shanghai) Co. Ltd.)) कंपनी का खास ध्यान उत्तरी अमेरिका तथा यूरोपियन बाज़ारों पर है।
टीसीएस ने ई-गवर्नेंस प्रोजेक्ट को मिशन के तौर पर लॉन्च किया है। एम् सी ए -२१ को भारत सरकार के कारपोरेट मामलों के मंत्रालय हेतु बनाया गया है। टीसीएस ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए एक स्वचालित सोल्यूशन भी बनाया है, जो नुक्सान और भ्रष्टाचार को कम करता है।
टीसीएस नेशनल स्किल्स रजिस्ट्री (NSR) का हिस्सा है, जो की भारत की आई टी सेवाओं और बी पी ओ कंपनियों में काम करने वाले सभी कर्मचारियों का डाटा बेस है। NSR का उद्देश्य है की आई टी तथा बी पी ओ उद्योग में भर्ती को बेहतर बनाना, जिस से की विश्व में भारत को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बना रहेगा.
टीसीएस ने एक नया सॉफ्टवेर डिजाईन किया है, जो राष्ट्रीय साक्षरता मिशन को भारत से निरक्षरता उन्मूलन का लक्ष्य पाने में मदद करेगा। यह सॉफ्टवेर इस तरह तैयार किया गया है कि यह वयस्कों को वर्णमाला के बजाय शब्दों द्वारा एक भाषा सिखाने में मदद करता है। इस तरह वे काम चलाऊ साक्षर बन जाते हैं, जो अख़बारों की आसान सुर्खियाँ, साइन बोर्ड, निर्देश आदि[20] पढ़ सकते हैं।
टी सी एस ने उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया प्रशांत में अपने नियार्शोअर सेंटर, हंगरी, उरुगुए व ब्राजील में प्रादेशिक डेवलपमेंट सेंटर तथा भारत के अलावा चीन में एक वैश्विक डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किया है।
२००६ में टाटा ने चिली की कोमिक्रोम (Comicrom)S.A. का अधिग्रहण किया। ऑस्ट्रेलिया के वित्तीय नेटवर्क सेवा (होल्डिंग्स) प्राइवेट लिमिटेड, (ऍफ़ एन एस) और स्वीडन के के भारतीय आई टी रेसोर्सिस AB (सितार) टी सी एस की सहायक कंपनियां हैं।
कंपनी ने दो सहायक कंपनियों की स्थापना की है। टीसीएस ऍफ़ एन एस प्राइवेट लिमिटेड ऑस्ट्रेलिया और डिलीजेंटा लिमिटेड यु केकंपनी ने और भी सहायक कंपनियां स्थापित की हैं जैसे पुर्तगाल युनिपेसोल लिमितादा पुर्तगाल में, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस लक्सम्बर्ग S.A. लक्सम्बर्ग में और टाटा कंसल्टेंसी सर्विस चिली लिमिटेड, चिली में. ३१ मार्च २००६ तक कंपनी की ४९ सहयोगी कंपनियां थी।
मार्च २००६ में कंपनी ने अपनी सहयोगी डिलीजेंटा लिमिटेड के माध्यम से पर्ल ग्रुप सर्विसेस लिमिटेड के कुछ बिज़नस भी हासिल कर लिए. इस अधिग्रहण में शामिल थे कुछ विशेष इंश्योरेंस कांट्रेक्ट तथा क्लेम एडमिनिस्ट्रेशन बिज़नस व असेट, जिसमें साख एवं तकनिकी जानकारी शामिल है।
कंपनी ने इंटलनेट ग्लोबल सर्विसेस लिमिटेड से अनुबंध कर के एक संयुक्त उद्यम (joint venture) आरम्भ किया है। जी एम् (GM) डील के लिए टी सी एस ई डी एस (EDS) के साथ हाथ मिला रही है, बिज़नस का कुछ भाग पाने के लिए.
फ़रवरी २००७ में टी सी एस ने चीन में माइक्रोसॉफ्ट तथा तीन चीनी कंपनियों के साथ वेंचर शुरू किया - टाटा इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (शंघाई) कंपनी लिमिटेड (TATA Information Technology (Shanghai) Co. Ltd.).
२००८ में रूपये (rupee) के मज़बूत होने पर तथा आसन्न मंदी की वजह से टीसीएस प्रदर्शन सम्बन्धी वेतन को कम किया और अच्छा प्रदर्शन न कर पाने वाले 500 कर्मचारियों को कंपनी छोड़ देने के लिए कहा गया।[21]
अमेरिकी मंदी के कारण टीसीएस का शुद्ध लाभ चौथी तिमाही में ६.१७% घटकर १,२४५ करोड़ रूपये हो गया। फलस्वरूप टीसीएस के शेयर में ११ % की गिरावट देखी गयी, जो कि अगस्त २००४ में ट्रेडिंग शुरू होने के बाद से सबसे अधिक गिरावट थी।
TCS