टीनू वर्मा | |
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पेशा |
निर्देशक एक्शन निर्देशक अभिनेता कहानीकार निर्माता |
संबंधी |
मनोहर वर्मा (भाई) पप्पू वर्मा (भाई) |
टीनू वर्मा एक भारतीय फिल्म अभिनेता, कथानक लेखक, निर्माता और एक्शन निर्देशक हैं, जिन्हें हिंदी सिनेमा में उनके कामों के लिए जाना जाता है।[1]
उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अभिनय से की और धीरे-धीरे कथानक लेखन और फिल्म निर्माण के क्षेत्र में भी पहचान बनाई। उन्होंने आँखें (1993), हिम्मत (1996), मेला (2000), माँ तुझे सलाम (2002), दुल्हन चाहिए पाकिस्तान से (2016) और कर्मफल दाता शनि (2016) आदि फिल्मों में अभिनय किया। वे निर्माता के रूप में भी कई फिल्में बना चुके हैं।[2] टीनू वर्मा को एक्शन निर्देशक के रूप में भी मान्यता मिली। उन्होंने 'शोला और शबनम (1992)', 'खुदा गवाह (1992)' और 'हिम्मत (1996)' जैसी फिल्मों में एक्शन दृश्यों का निर्देशन किया।[3][4]
टीनू वर्मा ने अपने सौतेले भाई मनोहर वर्मा पर तलवार से हमला किया था और उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था।[5][6] उन्होंने कई बार अपने बयानों में बॉलीवुड अभिनेताओं के थप्पड़ मारने का जिक्र किया जिसमे सैफ़ अली ख़ान और कपिल शर्मा आदि का नाम लिया।[7] उन्होंने कहा की ''मैं एक बड़ी भीड़ के साथ शूटिंग कर रहा था और उसमें लोगों को ट्रेन की ओर दौड़ना था लेकिन कपिल शर्मा एक बार नहीं बल्कि दो बार विपरीत दिशा में दौड़े इसलिए मैंने कपिल शर्मा को निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए फिल्म के सेट से बाहर निकाल दिया।''[4]