टैक्ट समय (Takt time) उत्पादन से सम्बंधित शब्द है जो मांग के अनुसार उपलब्ध समय में किसी उत्पाद को तैयार करने को उल्लिखीत करता है। यह निर्माण चक्रिय समय से भिन्न है। टैक्ट समय ऐसा उपकरण है जिसका उपयोग काम को डिजाइन करने के लिए किया जाता है और इकाइयों के क्रमिक उत्पादन में यह एक इकाई के उत्पादन की शुरुआत और अगली इकाई के उत्पादन की शुरुआत के बीच औसत समय अंतराल को मापता है। गणना के लिए यह उस समय अंतराल में मांग किए गए भागों की संख्या से विभाजित भागों के उत्पादन का समय है।[1] टैक्ट समय उपभोक्ता की मांग पर आधारित होता है। यदि प्रक्रिया अथवा उत्पादन क्रम टैक्ट समय में निर्माण करने में असफल होता है तब समय पर पूर्ति सुनिश्चित करने के लिए या तो मांग स्तर, अतिरिक्त संसाधन या प्रक्रिया पुन: अभियांत्रिकी की आवश्यकता होती है।
टैक्ट समय जापानी शब्द तकुतो ताइमु (タクトタイム?) से आया है जबकि जापानी में यह शब्द जर्मन शब्द तैक्तज़ाइत (Taktzeit) से आया है जिसका अर्थ 'चक्रिय समय' होता है। सम्भवतः 1930 के दशक में यह शब्द जर्मन अभियन्ताओं द्वारा जापान प्रस्तावित किया गया।[2]
मुल रूप से यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द "टैक्ट्स" (tactus) से आया है जिसका अर्थ "स्पर्श, स्पर्श की अनुभूति" है।[3] इसके कुछ पुराने अर्थों में ये भी शामिल हैं: (16वीं सदी) "नियमित संपर्क से शुरू होने वाली धड़कन, घड़ी की टिक-टिक", उसके बाद संगीत में "लय का संकेत देने वाली ताल" और (18वीं सदी) "नोट मूल्य की नियमित इकाई" आदि।[4]
यह मानते हुए कि किसी उत्पाद को शुद्ध उपलब्ध कार्य समय के दौरान, एक स्थिर दर पर, एक समय में, एक इकाई बनाया जाता है तब टैक्ट समय, समय की वो मात्रा है जिसमें मांग को पूरा करने के लिए दो लगातार इकाइयों के पूरा होने के बीच जो समय लगता है।
टैक्ट समय इस सूत्र से ज्ञात किया जा सकता है:[5]
जहाँ
T = टैक्ट समय, उदाहरण के लिए [दो लगातार इकाइयों के बीच कार्य समय]
Ta = अवधि के दौरान काम करने के लिए उपलब्ध शुद्ध समय, उदाहरण के लिए [प्रति अवधि कार्य समय]
D = अवधि के दौरान मांग (उपभोक्ता मांग) उदाहरण के लिए [प्रति अवधि आवश्यक इकाइयाँ]