ट्रांस | |
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निर्देशक | अनवर रशीद |
लेखक | विंसेंट वडक्कन |
कहानी | विंसेंट वडक्कन |
निर्माता | अनवर रशीद |
अभिनेता |
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छायाकार | अमल नीरद |
संपादक | प्रवीण प्रभाकर |
संगीतकार |
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निर्माण कंपनी |
अनवर राशीद एंटरटेनमेंट्स |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
170 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | मलयालम |
लागत | अनुमानित ₹35 करोड़[1] |
ट्रांस (ട്രാൻസ്) सन् 2020 की भारतीय मलयालम भाषा की एक मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फ़िल्म है। फ़िल्म के निर्माता और निर्देशक अनवर रशीद तथा लेखक विंसेंट वडक्कन हैं।[2] फ़िल्म में फहाद फासिल, गौतम मेनन, दिलीश पोथन, नाज़रिया नाज़िम, चेम्बन विनोद जोस, सौबिन शाहिर, श्रीनाथ भासी, विनायकन और अर्जुन अशोकन सहित कई कलाकार शामिल हैं। फ़िल्म की कहानी विजू प्रसाद (फासिल) के जीवन के इर्द-गिर्द घूमती है। विजू कन्याकुमारी में रहने वाला एक नास्तिक वक्ता है, जिसे एक एजेंसी द्वारा ईसाई पादरी के रूप में काम करने के लिए रखा जाता है।
ट्रांस के द्वारा अनवर रशीद ने आठ साल बाद निर्देशन के क्षेत्र में वापसी की। उनकी आखिरी फ़िल्म सन् 2012 में जारी हुई उस्ताद होटल थी। ₹35 करोड़ के बजट में बनी इस फ़िल्म को कन्याकुमारी, मुंबई और दुबई में फ़िल्माया गया था। फ़िल्म को केरल में 20 फरवरी 2020 को और पूरे भारत में 28 फरवरी को रिलीज़ किया गया था। फ़िल्म को समालोचकों की प्रशंसा मिली, जिसमें फिल्म के तकनीकी पहलुओं और कलाकारों के प्रदर्शन को सराहा गया था।
विजू प्रसाद एक छोटा-मोटा प्रेरक वक्ता हैं, जो अपने छोटे भाई कुंजन के साथ कन्याकुमारी में रहता है। एक दिन मानसिक रूप से बीमार कुंजन आत्महत्या कर लेता है। विजू सबकुछ छोड़ कर मुंबई चला जाता है। मुंबई में विजू कविता नामक एक कास्टिंग निर्देशक से मिलता है, जिससे वह एक बार कन्याकुमारी में मिल चुका था। कविता विजू को सोलोमन डेविस और इसाक थॉमस से मिलवाती है, जो विजू को एक ईसाई पादरी के रूप में फर्ज़ी चमत्कार दिखाने के काम पर रख लेते हैं। विजू को कोच्चि भेजा जाता है, जहाँ उसे अवराचन द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है और विजू का नाम बदलकर जोशुआ कार्लटन रख दिया जाता है।
मार्च 2016 के एक साक्षात्कार में फहाद फासिल ने खुलासा किया कि वह अनवर रशीद की अगली फ़िल्म में अभिनय करेंगे।[3] ट्रांस की आधिकारिक घोषणा जून 2017 में एक शीर्षक पोस्टर के साथ की गई थी।[4]