कंपनी प्रकार | सार्वजनिक (NSE, BSE) |
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उद्योग | स्वास्थय सेवा, भोजन |
स्थापित | 1884 |
स्थापक | डा. एस के बर्मन |
मुख्यालय | डाबर टॉवर, कौशाम्बी, साहिबाबाद, गाज़ियाबाद - 201010 (यूपी) , |
सेवा क्षेत्र | विश्वव्यापी |
प्रमुख लोग | डा. आनन्द बर्मन चेयरमैन मि. अमित बर्मन उप चेयरमैन मि. सुनील दुग्गल मुख्य कार्यकारी अधिकारी |
उत्पाद | डाबर आँवला, च्यवनप्राश, वाटिका, हाजमोला |
शुद्ध आय | (INR) 425 करोड़ (2008-09) |
कुल संपत्ति | (INR) 559 करोड़ (2008-09) |
कर्मचारियों की संख्या | 3000 (Approx.)[1] |
प्रभाग | डाबर नेपाल प्रा॰लि॰ (नेपाल), डाबर एज़िप्ट लि॰ (एज़िप्ट), एशियन कंज्यूमर केयर (बांग्लादेश), एशियन कंज्यूमर केयर (पाकिस्तान), अफ्रीकन कंज्यूमर केयर (नाईज़ीरिया), नैचुरेल एल.एल.सी (रास अल खैमा-यूएई), वीकफ़ील्ड इंटरनैशनल (यूएई), and जैक़्लीन इंक. (यूएसए). |
सहायक | डाबर इंटरनैशनल, Fem Care Pharma, newu |
वेबसाइट | Dabur.com |
डाबर इण्डिया लिमिटेड भारत में स्वास्थ्य, व्यक्तिगत ध्यान एवं भोज्य उत्पादों के क्षेत्र में निवेश करने वाली चौथी सबसे बड़ी कम्पनी है। डाबर का च्यवनप्राश एवं हाजमोला बहुत ही लोकप्रिय है।
1884 में बर्मन परिवार ने जब एक छोटी आयुर्वेदिक दवा कंपनी के रूप में शुरुआत की थी तो 125 साल बाद यह नंबर वन कंपनी बन जाएगी किसी ने सोचा नहीं होगा। कोलकाता के बर्मन परिवार की कंपनी डाबर इंडिया लिमिटेड ने अब पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा दिया है। आयुर्वेदिक व प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में 125 साल की हो गई इस कंपनी का अब कोई सानी नहीं है। आज वह देश का हर्बल और नेचुरल प्रॉडक्ट की सबसे बड़ी पेशेवर कंपनी बन गई है।
डाबर इंडिया के 250 से अधिक उत्पादों की बाजार में तूती बोल रही है। दवाई से लेकर फूड तक में हर जगह डाबर मौजूद दिखता है। डाबर के उत्पाद पूरी दुनिया के 60 से अधिक देशों में उपलब्ध हैं। सिर्फ विदेश में ही इसका कारोबार 500 करोड़ रुपए का है।
कैंब्रिज विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल कर डाबर इंडिया लिमिटेड की कमान संभालने वाले कंपनी के उपाध्यक्ष अमित बर्मन एक पायलट भी हैं। उन्हें हवा में उड़ना बहुत अच्छा लगता है। अगर यह कहें कि अमित बर्मन की उड़ने की इसी ललक ने डाबर इंडिया लिमिटेड को आयुर्वेद की बुलंदियों पर पहुँचा दिया है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। कहते हैं अमित बर्मन कंपनी के 'पायलट' हैं तो इसकी उड़ने की सीमा आकाश ही है।
पतंजलि आयुर्वेद की बढती चुनौती से निपटने के लिये अब डाबर कंपनी अपनी नई रणनीति तैयार कर रही है, जिसके साथ ही कंपनी अपने आयुर्वेदिक उत्पादों में आधुनिक समय के मुताबिक बदलाव कर बाज़ार में अपने नए उत्पाद उतारने की तैयारी में है। [2] डाबर शुरूआत में महिलाओं के हेल्थकेयर से जुड़े प्रोडक्टस को आधुनिक फॉर्मेट में लाएगा और इसके बाद बेबी सेगमेंट में अपने प्रोडक्टस लॉंच करेगा। [3]