डिजिटल फोरेंसिक एक न्यायालयिक विज्ञान की ही शाखा है। जिस मे डिजिटल यंत्र से जानकारी निकाली जाती है जेसे की मोबाइल फ़ोन से या किसी कंप्यूटर से जो अपराध से जुड़ा होता है। डिजिटल फॉरेंसिक पर्याय है कंप्यूटर फॉरेंसिक का। सबसे पहेला डिजिटल अपराध सन १९७८ फ्लोरिडा मे हुआ था। कंप्यूटर से जरोरी जानकारी मिटाने के अपराध मे। एसे अपराध बढते रहे जिमे आते प्रतिलिप्याधिकार (copyright), साइबर अपराध और कामोद्दीपक चित्र (pornography). डिजिटल फोरेंसिक जांच का मुख्य फोकस एक आपराधिक गतिविधि का उद्देश्य सबूत ठीक करने के लिए है। जेसे की -
एक जांच के तकनीकी पहलू कई उप शाखाओं में बांटा गया है। जेसे की कंप्यूटर फॉरेंसिक, नेटवर्क फोरेंसिक, फोरेंसिक डेटा विश्लेषण और मोबाइल यंत्र फोरेंसिक। फोरेंसिक प्रक्रिया मे जब्ती , फोरेंसिक इमेजिंग (अधिग्रहण) और डिजिटल मीडिया का विश्लेषण और एकत्र साक्ष्य में एक रिपोर्ट का उत्पादन शामिल हैं।
कंप्यूटर फॉरेंसिक
कंप्यूटर फॉरेंसिक मे जो कंप्यूटर मे जानकारी जमा है उसका विश्लेषण करना या कंप्यूटर से जुड़ा कोई भी ही अपराध हुआ हो। कंप्यूटर की चोरी होना या उसमे जानकारी की चोरी होना कंप्यूटर फॉरेंसिक मै आता है।
नेटवर्क फॉरेंसिक
नेटवर्क फॉरेंसिक या साइबर फॉरेंसिक जो अपराध नेटवर्क या इन्टरनेट से किया हो। इतना ही नही नेटवर्क से ओरो पर निगरानी भी रखी जा सकती है।
फॉरेंसिक डेटा विश्लेषण
यह खोजने के लिए और धोखाधड़ी वित्तीय अपराध से उत्पन्न गतिविधियों के पैटर्न का विश्लेषण करने के उद्देश्य से संरचित डेटा की परख होती है।
मोबाइल यंत्र फॉरेंसिक
किसी भी अपराधिक स्थान पर पाया मोबाइल से जानकारी प्राप्त हो सकती है की वह किसका मोबाइल है और उसमी क्या जानकारी जमा है। मोबाइल से यह भी पता लगया जा सकता है की मोबाइल से किए हुए संपर्क कहा किए थे और कब किस समय किये थे।