डेविड क्रिस्टोफर लेन का जन्म 29 अप्रैल 1956 में, बर्बैंक, कैलीफोर्निया में हुआ और वे वाल्नेट, कैलिफ़ोर्निया के माऊंट सैन एंटोनियो कालेज में दर्शनशास्त्र और समाजशास्त्र के प्रोफेसर हैं। इन्हें अपनी पुस्तक 'द मेकिंग ऑफ अ स्पिरीचुअल मूवमेंट: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ पॉल ट्विचटेल एंड एकंकार' में एकंकार (En-Eckankar) को संप्रदाय के तौर पर और उसके संस्थापक को साहित्यिक चोरी के लिए पहचानने के लिए सबसे अधिक जाना जाता है। भारत में इन्हें नए धार्मिक आंदोलनों विशेषकर राधास्वामी मत पर उनके शोध और भारत के आमूलपरिवर्तनवादी और सुरत शब्द योग के साधक और खोजी फकीर बाबा फकीर चंद को पाश्चात्य जगत में परिचित कराने के लिए भी जाना जाता है। लेन ने एक पुस्तक 'द अननोइंग सेज:लाइफ एंड वर्क ऑफ बाबा फकीर चंद' का संपादन और प्रकाशन किया। इस पुस्तक की भूमिका जो लेन ने लिखी है वह सुरत शब्द अभ्यासियों (योगियों) के आंतरिक अनुभवों के वैज्ञानिक पक्षों का वर्णन करती है और फकीर की बेबाक उक्तियों को समेटे हुए हैं।[1] लेन ने सैन डीगो में यूनीवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया से डॉक्टरेट (पीएच. डी) और 'सोशियॉलॉजी ऑफ नॉलेज' में स्नात्कोत्तर डिग्री (एम ए) किया हुआ है। इसके अतिरिक्त इन्होंने 'धार्मिक घटना-क्रिया-विज्ञान (दृश्यप्रपंचशास्त्र) और उसका इतिहास' में भी 'एम ए' किया हुआ है। इस समय ये कैलीफोर्निया स्टेट यूनीवर्सिटी में 'धार्मिक अध्ययन' के प्राध्यापक हैं और संप्रदायों सहित नए धार्मिक आंदोलनों के अध्ययन के विशेषज्ञ हैं। जन्म से रोमन कैथोलिक हैं। 1978 में राधास्वामी सत्संग ब्यास के बाबा सत्गुरु चरण सिंह से नामदान लिया। बाद में इनका हृदय परिवर्तन हुआ और इन्होंने सभी तो नहीं परंतु कुछ शिक्षाओं को त्याग दिया। [2] अपने एक इंटरव्यू में लेन ने कई धार्मिक आंदोलनों के समर्थकों से मिल रही हत्या की धमकियों की भी बात की है।[3]