ढाकेश्वरी मंदिर | |
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ঢাকেশ্বরী জাতীয় মন্দির | |
![]() ढाकेश्वरी मंदिर परिसर में शिव मंदिर | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | ढाकेश्वरी |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | ढाका |
ज़िला | ढाका |
राज्य | ढाका |
देश | बांग्लादेश |
भौगोलिक निर्देशांक | 23°43′23″N 90°23′23″E / 23.72306°N 90.38972°Eनिर्देशांक: 23°43′23″N 90°23′23″E / 23.72306°N 90.38972°E |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | सेन वंश |
निर्माण पूर्ण | 12वीं सदी |
ढाकेश्वरी मन्दिर ढाका नगर का सबसे महत्वपूर्ण मन्दिर है। इन्हीं ढाकेश्वरी देवी के नाम पर ही ढाका का नामकरण हुआ है। भारत के विभाजन से पहले तक ढाकेश्वरी देवी मन्दिर सम्पूर्ण भारत के शक्तिपूजक समाज के लिए आस्था का बहुत बड़ा केन्द्र था। 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन ने ढाकेश्वरी देवी मन्दिर का निर्माण करवाया था। ढाकेश्वरी पीठ की गिनती शक्तिपीठ में की जाती है क्योंकि यहां पर सती के आभूषण गिरे थे।
ढाका कर्णाट क्षत्रियों की राजधानी रही है, सेन वंश जो कर्णाट क्षत्रिय थे,उनके काल में इस नगर का अभूतपूर्व विकास हुआ.