तंजावुर रंगानायकी राजयी | |
---|---|
तंजावुर रंगानायकी राजयी | |
जन्म |
तंजावुर रंगानायकी राजयी ५ मई, १९२२ तंजावुर, मद्रास, ब्रिटिश भारत |
मौत |
२० सितंबर, १९९९ (उम्र ७७) चेन्नई, तमिलनाडु, भारत |
कार्यकाल | १९३६–१९६३ |
तंजावुर रंगानायकी राजयी जिन्हे टी आर राजकुमारी के नाम से भी जाना जाता है, एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, कर्नाटक गायक और नर्तकी थीं। उन्हें तमिल सिनेमा की पहली "ड्रीम गर्ल" कहा गया है।[1] वह तमिल की फिल्मों एक कामयाब अभिनेत्री थीं।
राजयी का जन्म ५ मई, १९२२ में तंजावुर, मद्रास, ब्रिटिश भारत में कर्नाटिक संगीतकारों के परिवार में हुआ था। उनकी माँँ और दादी दोनों ही संगीतकार थीं और राजयी भी गायक बनना चाहती थी। इसी कारण उन्होंने कर्नाटक संगीत में प्रशिक्षण प्राप्त किया। तमिल फिल्म निर्देशक टी आर रामन्ना उनके भाई हैं, जिन्होंने सकुबाई से शादी की थी।
१९३९ की तमिल फिल्म "कुमाला कुलथुनगान" में राजयी ने अपने फिल्मी व्यवसाय की शुरुआत की। वहाँ वह "टी आर राजकुमारी" के किरदार से, जो औसत कमाई करने वाली फिल्म थी, पहले काम किया था।[2][3] उनकी पहली फिल्म कुमाला कुलथुनगान, एक छद्म-ऐतिहास का निर्माण है जो डेक्कन सिनेटोन ने हार्ले रोड में अपने स्वयं के स्टूडियो में किया था। उनकी दूसरी फिल्म कच्छ देवयानी (१९४१) एक हिट थी और फिल्मों में अपना व्यवसाय की शुरुआत करने में काफी मदद मिली। १९४४ में, राजकुमारी ने रिकॉर्डिंग ब्रेकिंग फिल्म हरिदास में एम० के० थुगगराज भगवतर के साथ अभिनय किया और अपने ग्लैमरस चित्रण के लिए मान्यता प्राप्त की।[4] वह तमिल फिल्मों की एक कामयाब अभिनेत्री थी और उनके स्क्रीन नाम 'टी आर राजकुमारी' के तहत वह तमिल सिनेमा की शीर्ष नायिका के रूप में उभरी।
२० सितंबर, १९९९ को चेन्नई, तमिलनाडु, भारत में राजकुमारी की मृत्यु हो गई[5]
तमिल फिल्म कैरियर में, राजकुमारी ने कई प्रमुख फिल्म सितारों सहित मुख्य भूमिका के रूप में कार्य किया जैसे की थ्यगाराजा भागावाथर, टी आर महलिंगम, के.आर. आर रामस्वामी, पी यू चिन्नाप्पा, एम जी रामचंद्रन और शिवाजी गणेश। उन्होंने एक फिल्म निर्माण कंपनी भी शुरू की अपने भाई के साथ "आर आर पिक्चर्स" और वाजापिरंधवन (१९५३), कोन्डुककिली (१९५४), गुल-ए-बागावली (१९५५), पासम (१९६२), पेरिया इदाथू पेन (१९६३), पानम पद्दीथवन (१९६५) और परककुम पावाई (१९६) जैसी फिल्मे निर्मित की।
एक अभिनेत्री के रूप में उनकी आखिरी फिल्म वानमपाडी (१९६३) थी।[6]
|deadurl=
की उपेक्षा की गयी (मदद)