तमग़ा

क्रीमियाई तातारों का पारम्परिक तमग़ा
भारत के कुषाण सम्राट कनिष्क का तमग़ा

तमग़ा (मंगोल: Тамга, अंग्रेजी: Tamgha) मध्य एशिया, मंगोलिया और उसके आसपास के इलाक़ों में बसने वाले प्राचीन ख़ानाबदोश क़बीलों की संस्कृति में विशेष मोहरों और चिह्नों को कहा जाता था। यही शब्द इन लोगों से सम्पर्क रखने वाली बहुत सी अन्य संस्कृतियों में प्रवेश कर गया, जिनमें भारतीय उपमहाद्वीप, ईरान, तुर्की और कुछ अन्य देश शामिल हैं। हिन्दी में 'तमग़ा' शब्द का मतलब प्रमाण के रूप में दिए जाने वाले किसी भी विशेष चिह्न के लिए प्रयोग होता है, मसलन खेल में जीतने पर प्रमाण के रूप में मिलने वाले पदक (मेडल) को अक्सर 'तमग़ा' कहा जाता है। पारम्परिक रूप से सरकारी शुल्क अदा करने पर या अन्य सरकारी दस्तावेज़ों पर लगने वाली मोहर को भी उत्तर भारत में 'तमग़ा' कहा जाता था।[1][2]

उच्चारण

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'तमग़ा' में बिंदु-वाले 'ग़' अक्षर के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह बिना बिन्दु वाले 'ग' से ज़रा भिन्न है। इसका उच्चारण 'ग़लती' और 'ग़रीब' शब्दों के 'ग़' से मिलता है।

यह कुछ ओग़ुज़​ तुर्की क़बीलों के तमग़े हुआ करते थे -

इन्हें भी देखें

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सन्दर्भ

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  1. A Dictionary Hindustani and English, John Shakespear, Parbury, Allen & Co, 1834, ... tamgha, s.m. 1. A stamp on gold, silver, &c. or a brand or mark on an animal. 2. A tax on travellers. 3. A royal grant or charter ...
  2. विद्यार्थी हिन्दी शब्दकोष, मीनाक्षी अग्रवाल, वीरेंद्र नाथ मंडल, पृष्ठ ९८, राजकमल प्रकाशन, २००४, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ ९७८८१२६७०९२७४, ... तमग़ा पु॰ पदक, मैडल ...