ति.क. शिवशंकरन | |
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पेशा | साहित्यकार |
भाषा | तमिल भाषा |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
विषय | समालोचना |
उल्लेखनीय कामs | मतिम्मुरैक्ल पेट्टिकळ |
ति॰ क॰ शिवशंकरण या टी॰ के॰ शिवशंकरण (तमिल: தி. க. சிவசங்கரன், 30 मार्च 1925 – 26 मार्च 2014),[1][2][3] भारतीय राज्य तमिलनाडु से तमिल लेखक एवं समालोचक थे। उन्हें मुख्यतः उनके नाम के प्रथम अक्षरों ति॰ का॰ सी के नाम से ही जाना जाता है। इनके द्वारा रचित एक समालोचना मतिम्मुरैक्ल पेट्टिकळ के लिये उन्हें सन् २००० में साहित्य अकादमी पुरस्कार (तमिल) से सम्मानित किया गया।[4]
शिवशंकरण का जन्म तिरूनेलवेली में हुआ। उनका प्रथम कार्य साहित्यिक जरनल ग्राम ऊझियां सन् १९४७ में प्रकाशित हुआ।[5] वो भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के सदस्य थे और उनका राजनीतिक उन्मुखीकरण मार्क्सवाद की और था।