तीरन सन् 2017 की तमिल भाषा की एक्शन थ्रिलर फ़िल्म है। इसे एच विनोथ ने लिखा है और निर्देशित किया है। इसे ड्रीम वारियर पिक्चर्स के बैनर तले एस. आर. प्रकाशबाबू और एस. आर. प्रभु ने निर्मित किया है।[1] यह फ़िल्म तमिल नाडु में असल जीवन के डकैतों द्वारा की गई आपराधिक गतिविधियाँ दिखाती है। फिर डीजीपी एस. आर. जांगिड़ की अगुआई में तमिलनाडु पुलिस दस्ते द्वारा इनको नियंत्रण में लाना दर्शाया जाता है।
फिल्म में कार्ति ने जांगिड़ पर आधारित शीर्षक किरदार तीरन की मुख्य भूमिका निभाई है।[2] साथ ही इसमें हिरोइन रकुल प्रीत सिंह और अभिमन्यु सिंह खलनायक की भूमिका में हैं।[3] यह रिलायंस एंटरटेनमेंट द्वारा वितरित और सह-निर्मित है। यह फिल्म 17 नवंबर 2017 को दुनिया भर में जारी हुई। इसे आलोचकों से निर्देशन, लेखन, छायांकन, संगीत और कलाकारों के अभिनय पर प्रशंसा मिली। विशेष रूप से कार्थी के अभिनय की तारीफ़ हुई। इसने ₹96 करोड़ की कमाई की और यह व्यावसायिक सफलता रही।
प्रभारी पुलिस अधिकारी शशि आदेश देता है कि हस्तलिखित रूप में प्रलेखित आपराधिक मामलों को डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित किया जाए। इस प्रक्रिया के दौरान, वह कई साल पहले के एक बहुत ही खौफनाक डकैती हत्या मामले से रूबरू होता है। केस का इतिहास पढ़ने के बाद, वह उस पुलिस अधिकारी को फोन करता है जिसने केस की जिम्मेदारी ली थी। यानी तीरन।
1995: तीरन (कार्ति) अपने पुलिस प्रशिक्षण कॉलेज में है। वह डीएसपी के रूप में पदस्थापित होने के लिए प्रशिक्षण ले रहा है। वह प्रशिक्षण अवधि में अव्वल आता है और अपने गृहनगर तंजावुर लौटता है। वहां उसे अपनी नई पड़ोसी श्रीप्रिया उर्फ प्रिया (रकुल प्रीत सिंह) से प्यार हो जाता है और दोनों खुशी-खुशी शादी कर लेते हैं। इसी समय, डाकुओं का एक समूह तमिलनाडु के राजमार्ग के किनारे स्थित एक घर को तहस-नहस कर देता है। वे अंदर घुसकर सभी लोगों को बुरी तरह मार देते हैं और उनका सामान लूट लेते हैं। बाद में, तीरन को पोन्नेरी पोस्ट कर दिया जाता है।
2003: तीरन, सत्या और अन्य पुलिस वालों का एक समूह भारत भर में घूमता है। इस प्रक्रिया के दौरान, तीरन को पता चलता है कि ये डकैत वास्तव में भारतीय स्वतंत्रता के बाद बचे हुए सांस्कृतिक समूहों के जनजातिये सदस्य हैं। अंततः उन लोगों को उनके वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा रोक दिया जाता है। फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। बाद में, डकैत सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक के घर पर धावा मारते हैं और उसे मार देते हैं। सरकार जनता के भारी दबाव में होती है और गृह मंत्री तीरन को डकैतों को पकड़ने के लिए सभी अधिकार और एक पूरी टीम देते हैं।