तुप्पाकी (तमिल: துப்பாக்கி) सन् 2012 की तमिल भाषा की एक्शन थ्रिलर फिल्म है। इसे ए आर मुरुगाडॉस ने लिखा है और निर्देशित किया है।[1] वी क्रिएशन के कलैपुली एस. थानू द्वारा निर्मित इस फिल्म में विजय और काजल अग्रवाल हैं।[2] साथ ही सत्यन, विद्युत जामवाल[3], जयराम, मनोबाला और जाकिर हुसैन सहायक भूमिकाओं में हैं। यह भारतीय सेना के एक खुफिया अधिकारी जगदीश के इर्द-गिर्द घूमती है।
तुप्पाकी को 13 नवंबर 2012 को दिवाली के दिन जारी किया गया था। इसे जेमिनी फिल्म सर्किट द्वारा वितरित किया गया था। इसे ज़्यादातर सकारात्मक समीक्षाएँ मिलीं और यह एक बड़ी व्यावसायिक सफलता बनी। इसने रिलीज़ होने के 10 दिनों के भीतर ₹100 करोड़ से ज़्यादा की कमाई की। 2014 में, फिल्म को इन्हीं निर्देशक द्वारा हॉलिडे: ए सोल्जर इज़ नेवर ऑफ़ ड्यूटी के रूप में हिन्दी में बनाया गया।
भारतीय सेना में डीआईए विशेषज्ञ जगदीश धनपाल (विजय) कश्मीर से मुंबई लौटता है। उसके आगमन पर उसके माता-पिता और छोटी बहनें उसे एक लड़की निशा (काजल अग्रवाल) को देखने के लिए मजबूर करते हैं। दुल्हन देखने की रस्म के बाद, जगदीश उससे शादी करने से बचने के लिए बहाने बनाता है। निशा एक विश्वविद्यालय स्तर की मुक्केबाज निकलती है। जगदीश उसे एक मुक्केबाजी मैच में देखता है और उससे प्यार करने लगता है। निशा शुरू में उसे मना करने के बाद प्यार करने लगती है।
एक दिन, जगदीश एक बस में विस्फोट देखता है। वह बम रखने वाले व्यक्ति को पकड़ने में कामयाब हो जाता है। लेकिन वह बाद में अस्पताल से भाग जाता है। जगदीश फिर से बम लगाने वाले को पकड़ लेता है। जगदीश को पता चलता है कि बम लगाने वाले का एकमात्र काम बम लगाना ही था। उसे यह भी पता चलता है कि जिस आतंकवादी समूह से बम लगाने वाला जुड़ा हुआ है, उसने कुछ दिनों में शहर में बारह ऐसे हमलों की योजना बनाई है। जगदीश अपने साथी सेना के जवानों की मदद लेता है और बम लगाने वाले लोगों को को मारने में कामयाब हो जाता है।