तेरे घर के सामने

तेरे घर के सामने

फ़िल्म का पोस्टर
निर्देशक विजय आनन्द
लेखक विजय आनन्द
निर्माता देव आनन्द
अभिनेता देव आनन्द,
नूतन,
राजेन्द्रनाथ,
ओम प्रकाश
संगीतकार एस॰ डी॰ बर्मन
प्रदर्शन तिथि
1963
लम्बाई
मिनट
देश भारत
भाषा हिन्दी

तेरे घर के सामने 1963 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह देव आनन्द द्वारा निर्मित और उनके भाई विजय आनन्द द्वारा लिखित और निर्देशित है। यह फिल्म नौ दो ग्यारह (1957), काला बाज़ार (1960) और हम दोनों (1961) के बाद इन दोनों की चौथी सहभागिता है। विजय आनन्द ने बाद में गाइड (1965), तीसरी मंज़िल (1966) और जॉनी मेरा नाम (1970) जैसी सफल फिल्मों का निर्देशन किया।

फिल्म में देव आनन्द, नूतन, राजेन्द्रनाथ और ओम प्रकाश मुख्य भूमिकाओं में हैं। फिल्म का संगीत एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा है, जबकि गीत हसरत जयपुरी द्वारा लिखें गए हैं। देव आनन्द और नूतन की जोड़ी वाली यह आखिरी फिल्म भी थी। इससे पहले वह पेइंग गेस्ट (1957), बारिश (1957) और मंज़िल (1960) जैसी फिल्मों में एक साथ दिखें थे।

संक्षेप

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वर्षों की प्रतिद्वंद्विता के बाद, दो धनी पुरुष, लाला करमचंद और लाला जगन्नाथ, अपने व्यक्तिगत बंगले बनाने का फैसला करते हैं। परेशानी यह है: दोनों बंगलों के लिए वास्तुकार लाला जगन्नाथ का बेटा राकेश कुमार (देव आनन्द) हैं और बंगले एक दूसरे के विपरीत स्थित हैं। मामलों को उलझाने के लिए, राकेश और करमचंद की बेटी सुलेखा (नूतन) को प्यार हो गया।

हालांकि, लाला जगन्नाथ और सेठ करमचंद दोनों को पता चल जाता है और उनकी आँखों में शादी असंभव है। उनकी दुश्मनी उनके बच्चों के प्यार के बीच एक बाधा है और राकेश और सुलेखा उन्हें मनाने की कोशिश करते हैं। फिर राकेश आखिरकार उन्हें समझाने में कामयाब हो जाता है और वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं। यह देखते हुए राकेश और सुलेखा ने एक-दूसरे को गले लगाया। राकेश ने जिन दो घरों का निर्माण किया था, उनके उद्घाटन में उन दोनों की शादी हो जाती है।

मुख्य कलाकार

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सभी गीत हसरत जयपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत एस॰ डी॰ बर्मन द्वारा रचित।

क्र॰शीर्षकगायनअवधि
1."दिल की मंजिल है कुछ ऐसी"आशा भोंसले3:10
2."दिल का भँवर करे पुकार"मोहम्मद रफ़ी4:30
3."तेरे घर के सामने"मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर3:30
4."तू कहाँ ये बता"मोहम्मद रफ़ी4:20
5."देखों रूठा ना करो"मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर3:47
6."ये तन्हाई है रे है"लता मंगेशकर3:02
7."सुन ले तू दिल की सदा"मोहम्मद रफ़ी4:42

बाहरी कड़ियाँ

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