त्वा लोग (Twa या Cwa) अफ़्रीका की कई जातियों व जनजातियों का नाम है जो शिकारी-फ़रमर जीवन बसर करते हैं। यह अक्सर बांटू लोगों के समीप रहते हैं, हालांकि त्वा अपनी जीवनी जंगलों से चलाते हैं जबकि बांटू लोग कृषक होते हैं। सामाजिक रूप से त्वा को बांटूओं की तुलना में निचला दर्जा दिया जाता था। इनमें परस्पर-निर्भरता रही है: त्वा वनों से जानवर माँस व अन्य वन्य उत्पाद लाकर बांटूओं द्वारा उगाये गये अन्न, सब्ज़ियाँ व अन्य कृषि उत्पादनों से अदल-बदल का व्यापार करते हैं। कई त्वा जातियाँ पिग्मी की श्रेणी में आती हैं, यानि त्वाओं का क़द औसत मानव क़द से असाधारण रूप से कम है। इतिहासकार मानते हैं कि त्वाओं के पूर्वज अपने क्षेत्रों के आदि-निवासी थे और बांटू बाद में आये।[1][2]