द जेंटलमैन | |
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द जेंटलमैन का पोस्टर | |
निर्देशक | महेश भट्ट |
लेखक | एस शंकर |
निर्माता | अल्लू अरविंद |
अभिनेता |
चिरंजीवी, जूही चावला, परेश रावल |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
18 नवंबर, 1994 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
द जेंटलमैन 1994 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन महेश भट्ट ने किया। यह 1993 की तमिल फिल्म जेंटलमैन की रीमेक है। इसमें जूही चावला और अपनी आखिरी हिन्दी फिल्म में चिरंजीवी में है। इसके संगीत में 1993 की फिल्म से तीन धुनें बिना किसी बदलाव के इस्तेमाल की गई है, जिसके संगीतकार ए. आर. रहमान थे।
विजय (चिरंजीवी) का एक छोटा सा अगरबत्ती का व्यवसाय है। जब वह इस में व्यस्त नहीं होता है, तो वह एक चोर है जो स्कूल बनाने और चलाने के लिए करोड़ पैसे चुराता है। वहाँ छात्र स्वतंत्र रूप से डॉक्टर, वकील इत्यादि बनने के लिए अध्ययन कर सकते हैं। परेश रावल के नेतृत्व में पुलिस हमेशा उसके पीछे लगी हुई है, लेकिन वह हमेशा छिप जाता है।
अंत में, उसे चोर के रूप में पहचाना जाता है और फिर जूही चावला का चरित्र उससे सवाल करता है, जो उससे प्यार करती है। वह उसे बताता है कि उसका इरादा क्या है। क्योंकि वह मेडिकल स्कूल के लिए दान का भुगतान नहीं कर सका, उसके भाई (हरीश) और माँ ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी। अंततः विजय को पकड़ा जाता है और दोषी ठहराया जाता है और जब उसे जेल से रिहा किया गया, तो उसका सपने का स्कूल खुलता है। वह जूही चावला से शादी करता है, जिसने लंबे समय तक उसके लिए इंतजार किया है।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "रूप सुहाना लगता है" | इन्दीवर | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, के॰ एस॰ चित्रा | 4:45 |
2. | "हम अपने गमों को" | राहत इन्दौरी | विनोद राठोड़, साधना सरगम | 7:43 |
3. | "झूम के दिल ने" | रजन खेड़ा | एस॰ पी॰ बालसुब्रमण्यम, के॰ एस॰ चित्रा | 5:52 |
4. | "व्हौट इज़ लव" | इन्दीवर | अलीशा चिनॉय, अनु मलिक | 7:58 |
5. | "आशिकी में हद से" | रजन खेड़ा | विनोद राठोड़, साधना सरगम | 4:46 |
6. | "चिक पिका रिका बूम" | रजन खेड़ा | सुरेश पीटर्स | 5:27 |