दक्षिण तटीय रेलवे | |
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दतरे | |
अवस्थिति | आन्ध्र प्रदेश,तेलंगाना, कर्नाटक |
प्रचालन की तिथियां | 2019(घोषित)– |
रेल गेज | 5 ft 6 in (1,676 mm) |
विद्युतीकरण | 25 kV |
लंबाई | 3,496 कि॰मी॰ (2,172 मील) |
मुख्यालय | विशाखापट्टनम |
जालस्थल | दक्षिण तटीय रेलवे विजयवाड़ा, गुंटूर, गुंटकल |
दक्षिण तटीय रेलवे ज़ोन (दतरे) एक नया भारतीय रेलवे ज़ोन है, जिसका मुख्यालय आन्ध्र प्रदेश के विशाखपट्नम में है।[1]
दक्षिण तट रेलवे का मुख्यालय विशाखपट्नम में है और इसके तीन मंडल है। मौजूदा वाल्टेयर मंडल को दो भागों में विभाजित किया जाएगा और आंध्र प्रदेश वाले मंडल के भाग, जिसमें विशाखापट्टनम जिला, विजयनगरम जिला, और श्रीकाकुलम जिले का हिस्सा आता है को पड़ोसी विजयवाड़ा मंडल में विलय कर दिया जाएगा। श्रीकाकुलम जिले का अन्य हिस्सा पूर्वी तटीय रेलवे (पूतरे) के खुर्दा मंडल में विलय कर दिया जाएगा।[2] यह आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना (हैदराबाद मंडल के कुरनूल और सिकंदराबाद मंडल के जग्गायहपेट को छोड़कर) में फैला हुआ है।[3] इसमें कर्नाटक और तमिलनाडु का एक छोटा हिस्सा भी शामिल है।[4]
वर्तमान वाल्टेयर मंडल के 1,106 मार्ग किमी को पूतरे - रायगडा मंडल -541 किमी, खुर्दा मंडल-115 किमी और विजयवाड़ा मंडल 450 किमी के बीच वितरित किया जाना प्रस्तावित है। प्रस्तावित अधिकार-क्षेत्र के साथ, दतरे में मंडल-वार रूट किमी और रनिंग ट्रैक क्रमशः विजयवाड़ा 1,414 और 2,631, गुंटकल 1,452 और 2,145 और गुंटूर 630 और 661 किमी होगा।
इस ज़ोन में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्से शामिल हैं। इसके तीन मंडल हैं: [4]
यात्रियों की भीड़ को सम्भालने के लिए पीक सीजन के दौरान ज़ोन 500 से अधिक ट्रेनों का संचालन करता है।[5] वित्तीय वर्ष २०२०-२०२१ के दौरान ज़ोन का ₹13,000 करोड़ (US$1.9 अरब) की कमाई अनुमानित है।[6]
भारतीय रेलवे के सबसे बड़े डीजल शेड, विशाखपट्नम डीजल लोको शेड में 300 डीजल इंजनों को समायोजित करने की क्षमता है।
इस ज़ोन में गुत्ती, गुंटकल और विजयवाड़ा में डीजल लोको शेड भी हैं। यहां विजयवाड़ा और गुंटकल में बिजली लोको शेड भी है। इसमें रेणिगुंटा में एक इलेक्ट्रिक ट्रिप शेड और राजमंड्री में एक मेमू कार शेड भी है।
इस ज़ोन में विशाखपट्नम, काकीनाड़ा, नरसापुरम, मछलीपट्टनम, विजयवाड़ा, तिरुपति और गुंटकल में यात्री डिब्बा देखभाल डिपो स्थित हैं। इसके अतिरिक्त विजयवाड़ा और गुत्ती में वैगन रखरखाव डिपो हैं।[7]
इस ज़ोन में विजयवाड़ा और गुंटकल में भारतीय और विदेशी रेलवे कर्मचारियों को रेलवे तकनीकें सीखने और सिखाने के लिए प्रशिक्षण संस्थान हैं।
विशाखपट्नम, विजयवाड़ा, गुंटकल और रायनपाडु, गुंटूर में रेलवे अस्पताल स्थित हैं, जहां भारतीय रेलवे के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।[8]