दिल की बाज़ी | |
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दिल की बाज़ी का पोस्टर | |
निर्देशक | अनिल गाँगुली |
लेखक | मदन जोशी (संवाद) |
पटकथा | राम केलकर |
कहानी | अनिल गाँगुली |
निर्माता | अनिल गाँगुली |
अभिनेता |
अक्षय कुमार, अविनाश वाधवन, आयशा जुल्का |
संगीतकार | रामलक्ष्मण |
प्रदर्शन तिथियाँ |
7 मई, 1993 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दिल की बाज़ी 1993 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। इसका निर्देशन अनिल गाँगुली ने किया और मुख्य भूमिकाओं में अक्षय कुमार, अविनाश वाधवन और आयशा जुल्का हैं।
अजय (अविनाश वाधवन) समृद्ध बिगड़ैल है। वह आशा (फरहीन) से प्यार करता है, जो अपने परिवार की सभी जिम्मेदारियों को अपने कंधों पर रखी हुई है। विजय (अक्षय कुमार) एक मध्यम वर्ग का व्यक्ति है जो नौकरी की तलाश में है और आरती (आयशा जुल्का) से प्यार करता है। अजय और विजय एक दूसरे से नफरत करते हैं। आरती के पिता विजय को उसी कंपनी में नौकरी दिलवाते हैं जहां वह काम कर रहे थे। वह इस तथ्य से अनजान होते हैं कि वह अजय के पिता की कंपनी है। अजय फिर विजय को निकालने की कोशिश करता है, लेकिन हर बार विफल रहता है। फिर पता चलता है कि अजय और विजय सौतेले भाई हैं। विजय के पिता ने उसकी मां, निर्मला देवी (राखी) को अजय की मां से शादी करने के लिए छोड़ दिया था। वह अजय को सच्चाई बताते हैं और उससे वादा करते हैं कि वह उसके भाई और उसकी मां से मिलेंगे और उन्हें संपत्ति में बराबर हिस्सा देंगे।
इस बीच, विजय को पता चलता है कि अजय उसका सौतेले भाई है और वह अपनी मां के लिए बदला लेना चाहता है। अजय को नष्ट करने के लिए वह अजय के प्रतिद्वंद्वियों के साथ हाथ मिलाता है। फिर वह अजय की उसकी माँ के साथ बातचीत को सुनता है जहां वह कहता है कि वह अपनी आधी संपत्ति को अपने सौतेले भाई और मां को देना चाहता है। जिसे वह इतने दिनों तक ढूंढने की कोशिश कर रहा था। विजय को फिर अपनी गलती महसूस होती है और वह अजय को माफ कर देता है। अंत में कुछ गुंडे अजय की माँ पर हमला करते हैं और भोगिलाल से बदला लेते हैं, जिसने अजय के दादा को मार डाला था। दोनों भाई इतने सालों बाद एकजुट हो जाते हैं। कहानी अजय की मां के मरने से समाप्त होती है जो निर्मला देवी से उनके दोनों बेटों को स्वीकार करने के लिए कहती हैं। तब सब एक परिवार के रूप में एक साथ रहते हैं।
सभी रामलक्ष्मण द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "तुम साज छेड़ो मैं गीत गाऊँ" | रविन्दर रावल | लता मंगेशकर | 6:23 |
2. | "रुक भी जाओ जाना दिल को" | शैली शैलेन्द्र | उदित नारायण, लता मंगेशकर | 5:31 |
3. | "आगरे से आई हो या आई बरेली से" | देव कोहली | अमित कुमार | 5:51 |
4. | "ये बादल आसमान पे क्यों" | शैली शैलेन्द्र | लता मंगेशकर, एस॰ पी॰ बालासुब्रमण्यम | 5:21 |
5. | "शादी करूँगी" | देव कोहली | अलका याज्ञनिक, अमित कुमार | 6:28 |
6. | "कितनी सर्दी पड़ गई" | रविन्दर रावल | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | 4:31 |
7. | "बुड्ढा क्या जवानों से कम है" | देव कोहली | अलका याज्ञनिक | 5:11 |