दिल्ली विधानसभा | |
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छठी दिल्ली विधानसभा | |
प्रकार | |
सदन प्रकार | एकसदनी |
अवधि सीमा | ५ वर्ष |
नेतृत्व | |
उपराज्यपाल |
विनय कुमार सक्सेना २६ मई २०२२ से |
विधानसभा अध्यक्ष |
रामनिवास गोयल, आप २६ मई २०२२ से |
उपाध्यक्ष |
राखी बिड़ला, आप २४ फरवरी २०२० से |
सदन के नेता (मुख्यमंत्री) |
आतिशी मार्लेना, आप २१ सितम्बर २०२४ से |
सदन के उपनेता (उपमुख्यमंत्री) |
रिक्त, आप मार्च २०२३ से |
विपक्ष के नेता |
रामवीर सिंह बिधूड़ी, भाजपा २४ फरवरी २०२० से |
विपक्ष के उपनेता |
ओम प्रकाश शर्मा, भाजपा २४ फरवरी २०२० से |
संरचना | |
सीटें | ७० |
राजनीतिक समूह |
आप (६२) |
सत्र की अवधि | ५ वर्ष |
चुनाव | |
निर्वाचन प्रणाली | सर्वाधिक मत वाला विजेता |
पिछला चुनाव | ७ फ़रवरी २०१५ |
सभा सत्र भवन | |
पुराना सचिवालय , दिल्ली, भारत | |
वेबसाइट | |
दिल्ली विधानसभा |
दिल्ली की विधानसभा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की एकसदनी विधायी निकाय है। इस विधान सभा में कुल 70 विधायक सदस्य हैं। दिल्ली विधानसभा की बैठक पुराना सचिवालय भवन में होती है।
दिल्ली राज्य विधानसभा का गठन पहली बार 17 मार्च 1952 को पार्ट-सी राज्य सरकार अधिनियम, 1951 के तहत किया गया था। लेकिन 1 अक्टूबर 1956 को इसका उन्मूलन कर दिया गया। फिर सितम्बर 1966 में, विधानसभा की जगह 56 निर्वाचित और 5 मनोनीत सदस्यों वाली एक मेट्रोपोलिटन काउंसिल ने ली।[1]हालांकि, दिल्ली के शासन इस परिषद की भूमिका केवल एक सलाहकार की थी और परिषद के पास क़ानून बनाने की कोई शक्ति नहीं थी।
वर्ष 1991 में 69वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1991 और तत्पश्चात राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अधिनियम, 1991 ने केंद्र-शासित दिल्ली को औपचारिक रूप से दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की पहचान दी और विधान सभा एवं मंत्री-परिषद से संबंधित संवैधानिक प्रावधान निर्धारित किये।[2]
विधानसभा पांच साल की अवधि के लिए चुनी जाती है और वर्तमान में दिल्ली विधानसभा चुनाव, 2013 द्वारा चयनित यह पांचवी विधानसभा है।[उद्धरण चाहिए]
ई. मोंटेग थॉमस द्वारा डिज़ाइन किये गए पुराना सचिवालय (ओल्ड सेक्रेटेरिएट) भवन का निर्माण कार्य 1912 में पूरा किया गया। विधान परिषद की पहली बैठक 27 जनवरी 1913 को पुराना सचिवालय के चैंबर में हुई।
भारत की राजधानी कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरित होने के बाद इस ईमारत ने एक दशक के लिए भारत सरकार के सचिवालय की भूमिका भी निभाई। पुराना सचिवालय के चैंबर में हुई चर्चाओं एवं विधायी प्रक्रियाओं ने भारत के वर्तमान संसद की नींव रखी।[3]
चुनावी वर्ष | विधानसभा | जीतने वाली पार्टी/गठबंधन | मुख्यमंत्री |
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१९९३ | पहली विधानसभा | भारतीय जनता पार्टी | मदन लाल खुराना साहिब सिंह वर्मा सुषमा स्वराज |
१९९८ | दूसरी विधानसभा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | शीला दीक्षित |
२००३ | तीसरी विधानसभा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | शीला दीक्षित |
२००८ | चौथी विधानसभा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | शीला दीक्षित |
२०१३ | पांचवी विधानसभा | आम आदमी पार्टी | अरविंद केजरीवाल |
२०१५ | छटी विधानसभा | आम आदमी पार्टी | अरविंद केजरीवाल |