दीवाने हुए पागल | |
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दीवाने हुए पागल का पोस्टर | |
निर्देशक | विक्रम भट्ट |
निर्माता | फ़िरोज़ नाडियाडवाला |
अभिनेता |
अक्षय कुमार, सुनील शेट्टी, शाहिद कपूर, रिमी सेन, परेश रावल, ओम पुरी, जॉनी लीवर |
कथावाचक | विवेक ओबेरॉय |
संगीतकार | अनु मलिक |
प्रदर्शन तिथियाँ |
25 नवंबर, 2005 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दीवाने हुए पागल 2005 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह विक्रम भट्ट द्वारा निर्देशित और फ़िरोज़ ए. नाडियाडवाला द्वारा निर्मित है। इसमें अक्षय कुमार, शाहिद कपूर, सुनील शेट्टी, रिमी सेन, परेश रावल और जॉनी लीवर हैं।
साथ ही इसमें आफ़ताब शिवदासानी और विवेक ओबेरॉय अतिथि भूमिका में हैं। कुछ बदलावों के साथ यह 1998 की अमेरिकी फिल्म देयर्स समथिंग अबाउट मैरी की अनौपचारिक रीमेक है।[1] फिल्म को 25 नवंबर 2005 को सकारात्मक आलोचनात्मक प्रतिक्रिया के साथ जारी किया गया था।
करण (शाहिद कपूर) कॉलेज की लोकप्रिय लड़की तान्या (रिमी सेन) से प्यार करता है। लेकिन वह उसे बताने में बहुत घबराता है। जब वह उसके सौतेले भाई को कुछ गुंडों से बचाता है, तो वह उसका ध्यान आकर्षित कर लेता है। अब वह अंततः उसे एक जन्मदिन की पार्टी में आमंत्रित कर पाता है। वहां जाते समय, तान्या अंडरवर्ल्ड डॉन महबूब द्वारा अपने वैज्ञानिक जुड़वाँ भाई खुराना की हत्या का गवाह बनती है। परिणामस्वरूप उसे अपनी जान बचाने के लिए देश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ता है। वैज्ञानिक ने एक खिलौने वाले तोते में एक गुप्त कोड डाला हुआ था। उसे ही महबूब द्वारा खोजा जा रहा था। अनजान होकर, तान्या देश से भागने से पहले खिलौना घर पर छोड़ देती है और बाद में करण उस खिलौने को उठा लेता है।
तीन साल बाद, करण अभी भी तान्या से प्यार करता है। उसे पता चलता है कि तान्या दुबई में है। वह एक स्थानीय गुंडे रॉकी (अक्षय कुमार) की सहायता लेता है। रॉकी दुबई जाता है, जहां उसका दोस्त बबलू पहले ही तान्या को ढूंढ चुका है। वह अब एक सफल गायिका और कलाकार नताशा बन चुकी है। रॉकी और बबलू ने नताशा के बंगले पर नज़र रखना शुरू किया। लेकिन जैसे ही रॉकी ने नताशा को देखा, उसे वह पसंद आ गई। अब करण और मुरुगन (जॉनी लीवर) भारत से दुबई हवाई अड्डे पर पहुंचते हैं। नताशा को लुभाने के लिए, रॉकी तान्या के बारे में झूठ बोलकर करण को वापिस भेजने का प्रयास करता है। वह अपनी फ्लाइट में चढ़ने ही वाला होता है, तभी आखिरी क्षण में उसे एक क्लब के विज्ञापन में नताशा के रूप में तान्या की तस्वीर दिखती है। वह बहुत खुश होता है और मानता है कि रॉकी ने गलती की है।
हालाँकि, दो अन्य लोग भी हैं जिनके मन में नताशा के लिए भावनाएँ हैं। स्थानीय प्लंबर, संजू मालवानी (सुनील शेट्टी) बैसाखी के सहारे लकवाग्रस्त होने का नाटक करके नताशा की सहानुभूति ले रहा है। जब भी नताशा किसी ऐसे व्यक्ति से मिलती है जिसे वह पसंद करती है, संजू कोई अनोखी चाल का उपयोग करके प्रतिद्वंद्वी को खत्म करवा देता है। इसके अलावा तान्या का शारीरिक रूप से विकलांग दोस्त टॉमी (परेश रावल) भी है। तान्या के विकलांग भाई की मौत के बारे में सुनने के बाद, टॉमी ऐसा व्यवहार करता है जैसे वह खुद विकलांग और मानसिक रूप से अक्षम है। बहरहाल, रॉकी वास्तुकार होने का नाटक करते हुए नताशा को लुभाने का प्रयास शुरू कर कर देता है।
सभी गीत समीर द्वारा लिखित; सारा संगीत अनु मलिक द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "मार सुटिया" | अनु मलिक | 5:50 |
2. | "मेरी जाने जिगर" | अनु मलिक | 5:43 |
3. | "तू है तू है" | शान, सुनिधी चौहान | 6:15 |
4. | "सूत्रधार — 1" | अनु मलिक | 8:56 |
5. | "चकले चकले" | अनु मलिक | 5:00 |
6. | "ऐसी उमर में" | कुणाल गांजावाला, शान, कृष्णा | 11:34 |
7. | "सूत्रधार — 2" | अनु मलिक | 1:58 |