दुर्जोय दत्ता | |
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चित्र:DurjoyDatta.jpg | |
जन्म | 7 February 1987 Mehsana, गुजरात, India | (आयु 37)
पेशा | Indian author and screenwriter |
शिक्षा | दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग, Management Development Institute |
विधा | Romance, Thriller |
सक्रिय वर्ष | 2008– Present |
जीवनसाथी | अवंतिका मोहन |
वेबसाइट | |
dattadurjoy |
दुर्जोय दत्ता एक भारतीय उपन्यासकार है। उनका जन्म ७ फ़रवरी,१९८७ को हुआ। वे टीवी और फिल्मों के लिए भी लिखते हैं।[1][2][3][4] उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से स्नातक और फिर विपणन में पीजीडीबीएम डिग्री प्राप्त करना के लिए मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट और फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ़ फाईनेंन्स और मैनेजमेंट गए।[5] उन्होंने ग्रैपवाइन इंडिया पब्लिशर्स की स्थापना किया। उन्होंने ९ उपन्यास लिखें हैं। २००९ में द टाइम्स ऑफ़ इंडिया अखबार ने उन्हें एक युवा उपलब्धियां के रूप में मान्यता दी। २०११ में उन्हें व्हीस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल में मीडिया और संचार के क्षेत्र में एक युवा उपलब्धियां के रूप में चुना गया था।[6] २०१२ में, वे शिक्षक उपलब्धि पुरस्कार में शामिल होने वाले प्राप्तकर्ताओं में से एक थे। उन्होंने भारत भर में विभिन्न कॉलेजों में टेडएक्स सम्मेलनों में भाषण दिये हैं। वे कथा लेखन में सर्वोच्च भारतीय लेखकों में से एक है।[7]
दुर्जोय दत्ता का जन्म दिल्ली में हुआ। वे वहीं पर पले-बडें हुए। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बाल भारती पब्लिक स्कूल, पित्मपुरा में किया। फिर उन्होंने दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग में स्नातक प्राप्त किया। उन्होंने अपना पोस्ट ग्रेजुऐशन मैनेजमेंट डेवल्पमेंट इंस्टीट्यूट, गुड़गांव और फ्रैंकफर्ट स्कूल ऑफ़ फाईनेंन्स और मैनेजमेंट से प्राप्त किया और उनका मुख्य विषय विपणन और फाईनेंन्स था। जब वे अपने कॉलेज के आखरी साल में थे तब उन्होंने लिखना शुरु किया था। उन्होंने ट्रैवलर ब्लॉगर और एयर होस्टेस अवंतिका मोहन से शादी की है।[8][9]
दुर्जोय दत्ता कि पहली उपन्यास "ऑफ़ कॉर्स आई लव यु!" २००८ में लिखी थी, जब वे केवल २१ वर्ष के थे। यह उपन्यास उनकी दिल्ली कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग के अनुभवों पर आधारित था। उनकी दुसरी किताब "नाओ दैट योर रीच!" जो अगस्त २००९ में आई थी, पहली रचना का दुसरा भाग है। यह किताब उनके सह-लेखक मानवी आहूजा, के एक निवेश बैंक के अनुभवों पर आधारित था। उनकी तिसरी किताब "शी ब्रोक उप, आई डिंट!"२०१० में छपी, जो सब को बहुत पसंद आई। २०१० में उनकी चौथी रचना "ऑह येस, आई एम सींग्ल!" लिखी गई थी जब वे चार महीने यूरोप में थे। यह किताब दुर्जोय के मदद से, नीति रस्तोगी ने लिखी, जो दुर्जोय के जीवन के घटनाओ पर आधारित थी। २०११ में, मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, गुड़गांव से पास करने के बाद उन्होंने सचिन गर्ग के साथ ग्रैपवाइन इंडिया पब्लिशर्स की स्थापना की, क्योंकि वे नये लेखकों को मोका देना चाहते थे। उनकी पांचवी किताब "यु वेर माई क्रष" सितम्बर २०११ में ग्रैपवाइन इंडिया पब्लिशर्स से प्रकाशित हुआ। यह हिन्दुस्तान टाइम्स बेस्टसेलर पर नंबर ३ पर था और तीन लगातार हफ्तों के लिए वहाँ रहा। "इफ इट्स नोट फोर ऐवर" उनकी छट्ठी रचना थी, जो फरवरी २०१२ में छपी थी। यह रचना सितम्बर २०११दिल्ली हाई कोर्ट में विस्फोटों से प्रेरित था। यह रचना कुछ दोस्तों के सड़क यात्रा के बारे में है जो वे विस्फोट स्थल पर एक जला डायरी प्राप्त करने के बाद करते है।[10] यह हिन्दुस्तान टाइम्स पर नंबर ६ पर था।[11] उसी साल "टिल द लास्ट ब्रेथ" लिखी गई थी, जो दो युवाओं के बारे में है जो कुछ ही महीनो के मेहमान थे। यह हिन्दुस्तान टाइम्स बेस्टसेलर पर नंबर ३ पर था। फरवरी २०१३ में "स्मंवन लाईक यु" किताब, वे निकिता सिंह के साथ लिखा था, पेंगुइन इंडिया द्वारा जारी किया।[12] यह हिन्दुस्तान टाइम्स बेस्टसेलर पर नंबर ५ पर था। दुर्जोय दत्ता के नौवीं पुस्तक "होल्ड माई हेन्ड" ५ अगस्त २०१३ में जारी किया गया था। यह कहानी एक विद्वान आईटी ग्रेजुएट, दीप और आहाना नामक एक दृष्टिहीन लड़की के प्यार के बार में आधारित था। दुर्जोय दत्ता के किताबों के सह-लेखक थे- मानवी आहूजा, नीति रस्तोगी, ऑरवाना घई और नीकिता सिंह।