दो चोर | |
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दो चोर का पोस्टर | |
निर्देशक | पद्मनाभ |
निर्माता | राज खोसला |
अभिनेता |
धर्मेन्द्र, तनुजा, के एन सिंह |
संगीतकार | राहुल देव बर्मन |
प्रदर्शन तिथि |
1972 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
दो चोर 1972 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह राज खोसला द्वारा निर्मित और पद्मनाभ द्वारा निर्देशित है। इसमें धर्मेन्द्र, तनुजा, शोभना समर्थ, के एन सिंह और जलाल आग़ा हैं। संगीत राहुल देव बर्मन का है और गीत मजरुह सुल्तानपुरी ने लिखें। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था।
रहस्यमयी चोरी की एक श्रृंखला चार धनाढ्य पुरुषों के घरों में होती है। चोर प्रत्येक के यहाँ से एक ही आभूषण लेता है, लेकिन नकदी और अन्य आभूषणों को नहीं छूता है। वह चोरी करने के बाद एक स्वस्तिक को भी छोड़ देता है। पुलिस को संदेह है कि टोनी (धर्मेन्द्र), जिसको आमतौर पर एक चोर के रूप में जाना जाता है, इन चोरी के पीछे है। लेकिन वह बेगुनाही का दावा करता है। वह यह पता लगाने की कोशिश करता है कि असली चोर कौन है और संध्या (तनुजा) को एक धनाढ्य व्यक्ति के घर से चोरी करते हुए पकड़ लेता है।
वह उसे बताती है कि वह वही चीजें वापिस ले रही है जो वास्तव में उसकी विरासत है। क्योंकि ये वस्तुएँ उसकी माँ (शोभना समर्थ) की हैं क्योंकि ये चार लोग उसके पिता की मृत्यु के बाद उसकी माँ को लूट लिये थे। उसकी मां अब मानसिक अस्पताल में है। टोनी और संध्या प्यार में पड़ जाते हैं। वह उसके सभी सामानों को वापस पाने में मदद करता है और धनी पुरुषों को सलाखों के पीछे करता है। संध्या की मां फिर से ठीक हो जाती है। टोनी और संध्या एक साथ जीवन शुरू करने का वादा करते हैं जब वे अपने संबंधित सजा को पूरा कर लेंगे।
सभी गीत मजरुह सुल्तानपुरी द्वारा लिखित; सारा संगीत राहुल देव बर्मन द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "यारी हो गई यार से" | लता मंगेशकर | 4:42 |
2. | "चाहो रहो दूर चाहो रहो पास" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 3:30 |
3. | "मेरी जान मेरी जान कहना मानो" | किशोर कुमार | 3:35 |
4. | "मेरा छोटा सा बलमवा" | लता मंगेशकर | 3:36 |
5. | "काली पलक तेरी गोरी" | किशोर कुमार, लता मंगेशकर | 4:22 |