दौलत राव शिंदे (सिन्धिया) | |
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ग्वालियर रियासत के महाराजा, नायब-वकील-उल-मुत्लाक, अमीर-उल-उमरा | |
ग्वालियर रियासत के 7वें शासक | |
शासनावधि | 12 फ़रवरी 1974 से 21 मार्च 1827 |
पूर्ववर्ती | महादाजी शिन्दे |
उत्तरवर्ती | जनकोजी राव सिंधिया द्वितीय |
जन्म | 1779 |
निधन | 21 मार्च 1827 (आयु 48) |
पिता | आनन्द राव सिंधिया |
धर्म | हिन्दू |
व़कील मुत्लक़ आमीर अल उमरा महाराजा श्रीमंत दौलत राव सींदिया महादर सरना (१७७९ ई. - सन् १८२७ ई.) ग्वालियर के महाराजा थे। उन्होने १७९४ से १८२७ तक अपनी मृत्यु तक शासन किया।
महादजी शिंदे की मृत्यु के पश्चात् उसका दत्त्क पुत्र दौलतराव १४ वर्ष की अपिरपक्व अवस्था में उसका उत्तराधिकारी बना। एक तो वह प्रकृति से उद्धत तथा अदूरदर्शी था; दूसरे नीम चढ़े करेले की तरह उसे कुसंगति भी बाजीराव जैसे धूर्त और शर्जाराव जैसे नृशंस व्यक्तियों की मिली। फलत: पारस्परिक विग्रह से प्रताड़ित महाराष्ट्र और भी द्रुतगति से पतनोन्मुख हुआ। पेशबा माधवराव की मृत्यु पर उत्तराधिकार के प्रश्न के लेकर नाना फड़निस, बाजीराव, शिंदे, तथा तथा होल्कर में पारस्परिक कुचक्र चल निकले। इसी समय दौलतराव, शर्जाराव जिसकी पुत्री बैजाबाई से उसका विवाह हुआ, के संपर्क में आया। दौलतराव, बाजीराव तथा शर्जाराव का गुट्ट बना। इन्होनें नाना फड़नवीस को बंदी बनाया तथा होल्कर की उत्तराधिकार समस्या में हस्तक्षेप किया। तज्जनित युद्ध में दौलतराव तथा पेशवा की समिलित सेना की यशवंतराव होल्कर द्वारा पूर्ण पराजय हुई। वयोवृद्ध राजनीतिज्ञ नानाफडनवीस की मृत्यु से महाराष्ट्र संघ पर रहा सहा नियंत्रण हट जाने के कारण उसका पतन अवश्यंभावी हो गया। द्वितीय आंग्ल-मराठा-युद्ध में अंगरेजों द्वारा परास्त हो दौलतराव सुर्जीअर्जन गाँव की संधि करने के लिए विवश हुआ, जिससे उसके राज्य का यथेष्ट भाग अँगरेजों को समर्पित हुआ। अंतिम आंग्ल-मराठा-युद्ध के पूर्व लार्ड हेस्टिग्ज ने कूटनीति द्वारा दौलतराव को पिंडारियों से विलग कर, उसके विरुद्ध सहायता प्रदान करने के लिए मजबूर किया, जिससे उसकी शक्ति क्षीणतर हो गई। युद्ध में महाराष्ट्र साम्राज्य के ही विध्वस्त हो जाने के कारण, दौलतराव पंगुशक्ति रह गया। 1827 में उसकी मृत्यु हो गई।
दौलतराव शिंदे जन्म: 1779 मृत्यु: 21 मार्च 1827
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राजसी उपाधियाँ | ||
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पूर्वाधिकारी महादजी सिंधिया |
ग्वालियर के महाराजा 1794–1827 |
उत्तराधिकारी जनकोजी राव सिंधिया द्वितीय |