नगाँव Nagaon নগাঁও | |
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नगाँव में कोलोंग नदी | |
निर्देशांक: 26°21′00″N 92°40′44″E / 26.350°N 92.679°Eनिर्देशांक: 26°21′00″N 92°40′44″E / 26.350°N 92.679°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | असम |
ज़िला | नगाँव ज़िला |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,17,722 |
भाषा | |
• प्रचलित | असमिया |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 782001 to 782003 |
दूरभाष कोड | 03672 |
वाहन पंजीकरण | AS-02 |
वेबसाइट | nagaon |
नगाँव (Nagaon) भारत के असम राज्य के नगाँव ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। नगाँव गुवाहाटी से 120 किमी पूर्व में कोलोंग नदी के किनारे बसा हुआ है, और असम का पाँचवा सबसे बड़ा नगर है।[1]
नगांव कृषि व्यापार केंद्र है और यहाँ गुवाहाटी विश्वविद्यालय से संबद्ध कई होमोयोपैथिक चिकित्सा महाविद्यालय स्थित हैं। नगांव से पांच किमी दक्षिण-पश्चिम में संचोआ में एक रेल जंक्शन हैं। नगांव के आसपास का क्षेत्र ब्रह्मपुत्र नदी घाटी का एक हिस्सा है और इसमें कई दलदल और झीलें हैं, जिनमें से कई मत्स्यपालन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। इसके इर्द-गिर्द के जंगल सागौन व साल की इमारती लकड़ियां और लाख उपलब्ध कराते हैं कृषि उत्पादों में चावल, जूट, चाय और रेशम शामिल हैं।
इसके उत्तर में दरें, पूर्व एवं दक्षिण में संयुक्त मिकिर उत्तरी कछार पहाड़ियाँ, पश्चिम तथ उत्तर-पश्चिम में क्रमश: उत्तरी कछार और जयंतिया पहाड़ियाँ एव दरं जिले हैं। यह जिला पहाड़ी है। इसके किनारे की ढालें खड़ी तथा जंगलों से युक्त हैं। यहाँ की प्रमुख नदी ब्रह्मपुत्र है जो उत्तरी सीमा पर बहती है। इसके अतिरिक्त अन्य कई छोटी नदियाँ भी यहाँ बहती हैं। ब्रह्मपुत्र के उत्तर में हिमखंडित हिमालय दिखलाई पड़ता है। ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे १,५०० फुट ऊँची कामाख्या पहाड़ी है जिसकी चोटी पर कामाख्या देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। जिले का मैदानी भाग जलोढ मिट्टी से बना है। जंगलों में अनेक जानवर पाए जाते हैं। नवंबर से लेकर मध्य मार्च तक का जलवायु ठंडा तथा आनंदायक रहता है। वर्ष के शेष भाग में जलवायु गरम रहता है। गरम से गरम दिन का ताप ३८डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है, किंतु वायु में नमी की मात्रा अधिक रहती है। वर्षा का वार्षिक औसत ७० इंच से ८० इंच तक रहता है। धान मुख्य उपज है। इसके अतिरिक्त चाय, गन्ना, तिल, कपास की भी खेती होती है। यहाँ थोड़ी मात्रा में कच्चा लोहा, चूने का पत्थर तथा कोयले का भी खनन होता है।
चाय उद्योग के अतिरिक्त यहाँ अन्य कोई उन्नतिशील उद्योग नहीं है, केवल कुछ घरेलू उद्योग धंधे हैं, जिनमें सूती एवं रेशमी कपड़े बुनना, आभूषणों के काम, चटाइयाँ तथा टोकरियाँ बनाना, पीतल के बरतन बनाना आदि मुख्य हैं। यहाँ एक प्रकार की पत्तियों से टोप बनाए जाते हैं। चाय, तिलहन, कपास, लाख, बाँस की चटाइयाँ इत्यादि यहाँ से बाहर जाती हैं तथा चावल, चना एवं अन्य अनाज, चीनी, नमक तथा मिट्टी का एवं अन्य तेल, घी आदि बाहर से यहाँ आते हैं। यातायात के साधन अच्छे हैं। यहाँ के मुख्य नगर नगांव, लामडिं, होजय और ढिंग हैं।
नगाँव जिले में इसी नाम का कोलोंग नदी के बाएँ किनारे पर स्थित नगर है। सन् १८९७ में इस नगर को भूचाल से बहुत हानि उठानी पड़ी, मकान नष्ट हो गए तथा दलदलों का तल ऊपर उठ जाने से चारों तरफ पानी फैल गया था। यहाँ के प्राकृतिक दृश्य अच्छे हैं, किंतु गरमी के कारण जलवायु अस्वास्थ्यप्रद है। यहाँ का अधिकांश व्यापार मारवाड़ी लोगों के हाथ में है। यहाँ से सरसों, कपास, लाख आदि बाहर भेजे जाते हैं तथा नमक, तेल, सूती कपड़े, अनाज आदि बाहर से मँगाए जाते हैं। यहाँ शिक्षा का प्रबंध भी है।