नवद्वीप / नबद्वीप নবদ্বীপ | |
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धामेश्वर महाप्रभु मंदिर में चैतन्य महाप्रभु, शाक्त रास उत्सव में डुमुरेश्वरी माता, पुराना महाप्रभु मंदिर, गंगा नदी, माँ पोरामा, बुढ़ो शिव | |
निर्देशांक: 23°25′N 88°22′E / 23.42°N 88.37°Eनिर्देशांक: 23°25′N 88°22′E / 23.42°N 88.37°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | पश्चिम बंगाल |
जिला | नदिया जिला |
स्थापना | 1063 ईसवी |
ऊँचाई | 14 मी (46 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 1,25,543 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | बांग्ला |
पिनकोड | 741302 |
दूरभाष कोड | 03472 |
वाहन पंजीकरण | WB 52 |
लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र | राणाघाट |
विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र | नवद्वीप |
नवद्वीप या नबद्वीप भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के नदिया जिले में स्थित एक नगर है।[1][2]
यह भागीरथी और जलंगी नदियों के संगम पर कृष्णनगर से १२ किलोमीटर पश्चिम में स्थित प्रसिद्ध नगर है। यह हिंदुओं का एक तीर्थस्थान है। १४८५ ई. में चैतन्य महाप्रभु का जन्म यहीं हुआ था। १२वीं शताब्दी में सेनवंश के राज्य की राजधानी थी। इस नगर को पहले 'नदिया' कहा जाता था। यहाँ वर्ष भर तीर्थयात्री आया करते हैं। यह पश्चिम बंगाल के नदिया जिला के मुख्यालय से मात्र 20 कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। पर्यटक कृष्णनगर से आसानी से नवद्वीप तक पहुंच सकते हैं
यह धातुओं के बरतन तथा मिट्टी के कलात्मक बरतनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ गन्ना, चावल, तिलहन और पटसन का व्यवसाय होता है। यहाँ पर संस्कृत के अध्ययन के लिए अनेक प्रसिद्ध महाविद्यालय हैं।
श्री चैतन्य महाप्रभु की जन्मभूति नवद्वीप है। यह कृष्ण्नगर पहले नवद्वीप पर सेन वंश का शासन था। उन्होंने यहां पर अनेक मन्दिरों का निर्माण कराया था। इन मन्दिरों में द्वादश शिव मन्दिर (बारह शिव मंदिर) प्रमुख हैं। इस खूबसूरत मन्दिर का निर्माण 1835 ई. में किया गया था। मन्दिर की दीवारों को फूलों के चित्रों से सजाया गया है जो इसकी सुन्दरता को कई गुणा बढ़ा देते हैं। इस मन्दिर में चैतन्य महाप्रभु के सुन्दर चित्रों और प्रतिमाओं के दर्शन भी किए जा सकते हैं। यहाँ इस्कॉन द्वारा निर्मित एक भव्य मन्दिर भी दर्शनीय है।