नाज़िया हसन | |
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1994 में नाज़िया हसन | |
जन्म |
3 अप्रैल 1965[1] कराची, पाकिस्तान |
मौत |
13 अगस्त 2000[2] लन्दन, इंग्लैण्ड | (उम्र 35 वर्ष)
पेशा |
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कार्यकाल | 1980–1992 |
जीवनसाथी | इश्तियाक बेग (वि॰ 1995; वि॰वि॰ 2000)[3] |
बच्चे | आरेज़ हसन (बेटा) |
संबंधी |
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पुरस्कार | प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस (2002) |
नाज़िया हसन (3 अप्रैल 1965 - 13 अगस्त 2000) पाकिस्तानी गायिका-गीतकार, वकील और सामाजिक कार्यकर्ता थीं। वह दक्षिण एशिया के पॉप संगीत में विशेष जगह रखती हैं। उन्हें पाकिस्तान में सबसे प्रभावशाली गायकों में से एक माना जाता है। 1980 के दशक में, नाज़िया और ज़ोहेब की जोड़ी के रूप में, उन्होंने और उनके भाई ज़ोहेब हसन ने दुनिया भर में 6.5 करोड़ से अधिक रिकॉर्ड बेचे।
नाज़िया ने अपने गायन की शुरुआत "आप जैसा कोई" गीत से की, जो 1980 में भारतीय फिल्म कुर्बानी में शामिल था।[4] उन्हें इसके लिए प्रशंसा मिली और उन्होंने 1981 में 15 साल की उम्र में सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। वह यह पुरस्कार जीतने वाली पहली पाकिस्तानी बनीं और वर्तमान में इस पुरस्कार की सबसे कम उम्र की प्राप्तकर्ता बनी हुई हैं। उन का पहला एल्बम, डिस्को दीवाने 1981 में जारी हुआ था जो दुनिया भर में मशहूर हुआ और उस समय सबसे ज्यादा बिकने वाला एशियाई पॉप एल्बम भी कहलाया ।[5]
नाज़िया ने 1982 में बूम बूम एल्बम में ज़ोहेब के साथ काम किया। इस एल्बम का एक हिस्सा फिल्म स्टार (1982) में भी था। उनका 1984 में एल्बम यंग तरंग और 1987 में हॉटलाइन जारी हुआ। उनकी आखिरी एल्बम, 1992 में कैमरा था।[6] अपने भाई के साथ वह कई टेलीविज़न प्रोग्राम में भी नज़र आईं थीं। उन्होंने पाकिस्तानी पॉप संगीत दृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
15 वर्षों से अधिक के अपने गायन करियर के दौरान, नाज़िया पाकिस्तान की सबसे लोकप्रिय हस्तियों में से एक बन गई। उन्हें पाकिस्तान के नागरिक पुरस्कार, प्राइड ऑफ परफॉर्मेंस जैसे पुरस्कार मिले । 13 अगस्त 2000 को, उनका 35 वर्ष की आयु में लंदन में फेफड़ों के कैंसर से निधन हो गया।