श्री नारायण प्रेम साईं | |
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जन्म |
नारायण हरपलानी 29 जनवरी 1972 |
आवास | अहमदाबाद, गुजरात, भारत |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
धर्म | हिन्दू |
जीवनसाथी | जानकी कृष्णानी |
माता-पिता | [श्री आसाराम जी बापू]] (पिता) श्री मति लक्ष्मी देवी (माता) |
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नारायण साईं (जन्म: 29 जनवरी 1972, नारायण सिरुमलानी/हरपलानी[1]) एक भारतीय अध्यात्मिक सत्संगकर्ता हैं। वे वर्तमान में सूरत के लाजपोर जेल में एक साधिका का बलात्कार के विचाराधीन मामले में बंद हैं।[2] वे आसाराम बापू के इकलौते पुत्र है।[3]
नारायण साईं का जन्म जनवरी, 1972 को हुआ था। उनका पूरा नाम नारायण हरपलानी है। उनके अनुयायी उन्हें नारायण साईं के नाम से भी पुकारते हैं। नारायण साईं ने नौवीं कक्षा तक पढ़ाई की है। अपने पिता आसाराम बापू की तरह ही नारायण साईं पर भी धार्मिक प्रवचन करते है। नारायण साईं की बहन भारती श्रीजी और माँ लक्ष्मी देवी भी आसाराम बापू की तरह प्रवचन और आध्यात्म से जुड़ी हुई हैं।
नारायण साईं भारत और विदेशो में विभिन्न सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों से जुड़े हुए है। उन्होंने मध्य प्रदेश और गुजरात के कई दूरदराज के क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन के लिए परियोजनाओं का नेतृत्व किया है और साथ ही देश के विभिन्न भागों में नशा मुक्ति, तनाव प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा राहत कार्य किया हैं। नारायण साईं ने भारत के अतिरिक्त कई एशियाई, मध्य पूर्वी, अफ्रीकी, अमेरिकी और यूरोपीय देशों में सनातन धर्म का प्रचार किया।[4] लेह के सिंघु दर्शन रिसॉर्ट में मुफ्त ध्यान और योग शिविर आयोजित किया।[5]
दिल्ली, गुजरात समेत राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मुरादाबाद, आगरा, बरेली, लखनऊ, शाहजहांपुर, लखीमपुर खीरी, उझियानी समेत कई जगहों पर नारायण साईं के ६० से ज्यादा आश्रम हैं।
आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर सूरत की दो बहनों ने जहांगीरपुरा पुलिस चौकी में रेप की शिकायत दर्ज की है। सूरत पुलिस ने 6 अक्टूबर को दोनों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी।[6] पीडि़त बहनों में से छोटी ने शिकायत दर्ज कराई है कि 2002 से 2005 के दौरान नारायण साईं ने कई बार उसका यौन उत्पीड़न किया। जबकि बड़ी बहन ने आसाराम के खिलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है। उसकी शिकायत के अनुसार, 1997 से 2006 तक अहमदाबाद के आश्रम में आसाराम ने बार बार उसका यौन उत्पीडऩ किया था। फिलहाल पिता पुत्र जेल में है । नारायण साईं को निचली अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। नारायण साई के वकील का कहना है कि नारायण साईं पर जो भी आरोप लगे है झुठे है और निचली अदालत के फैसले को हम हाइकोर्ट में चुनौती देंगे।।[7][8][9][9]