नाशी भाषा (अंग्रेज़ी: Naxi या Nakhi), जिसे लोमी, मोसो और मोसू भी कहा जाता है, दक्षिणी चीन में बसने वाले नाशी लोगों द्वारा बोली जाने वाली तिब्बती-बर्मी भाषा या भाषाओँ का समूह है। सन् २०१० में नाशी बोलने वालों की आबादी लगभग ३ लाख अनुमानित की गई थी।[1] तिब्बती-बर्मी परिवार में यह लोलो-बर्मी उपशाखा की सदस्य हैं और इन्हें यी लोगों की नोसू भाषा और बर्मी भाषा के क़रीब माना जाता है।
दो प्रकार की नाशी भाषाएँ परिभाषित की गई हैं। पश्चिमी नाशी भाषा में काफ़ी मानकीकरण हुआ है जबकि पूर्वी नाशी में बहुत सी उपभाषाएँ हैं जिनके बोलने वाले एक-दूसरे को समझ नहीं सकते।
नाशी को उसकी अपनी नाशी लिपि और एक अन्य गेबा (Geba) नामक लिपि में लिखा जाता है। गेबा एक सच्ची वर्णमाला न हो कर के एक शब्दांश-माला है जिसका प्रयोग अक्सर धार्मिक मन्त्रों को लिखने के लिए किया जाता है।