निकहत ज़रीन (जन्मः 14 जून 1996), भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं। इन्होंने 2011 के एआईबीए महिला युवा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।[1]
हाल ही में बैंकॉक में आयोजित थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट (2019) में ज़रीन ने रजत पदक प्राप्त किया।[2] इसके साथ ही इन्होंने असम में आयोजित 16वीं सीनियर महिला राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी चैम्पियनशिप 2015 में स्वर्ण पदक जीता।[3]
2020 में तेलंगाना के खेल मंत्री वी श्रीनिवास गौड़ और स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ तेलंगाना स्टेट (एसटीडी) की ओर से ज़रीन को पुरस्कार के रूप में एक इलेक्ट्रिकल स्कूटी के साथ 10 हज़ार रुपये दिए गए।[4] उन्होंने बर्मिंघम 2022 राष्ट्रमण्डल खेल में भी स्वर्ण पदक जीता[5] और 2022 इस्तांबुल और 2023 नई दिल्ली आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते।[6]
14 जून 1996 को तेलंगाना के निज़ामाबाद में मुहम्मद जमील अहमद और परवीन सुल्ताना के घर जन्मीं ज़रीन ने केवल 13 साल की उम्र में ही बॉक्सिंग शुरू कर दी थी।[7][8]
2015 में जब ज़रीन हैदराबाद के एवी कॉलेज में स्नातक की पढ़ाई कर रही थीं तभी वे जालंधर में आयोजित ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी बॉक्सिंग चैंपियनशिप में "सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज़" बनीं।[9] ज़रीन अक्सर मुक्केबाज़ मैरी कॉम को अपनी प्रेरणा बताती है।[8]
2009 में ज़रीन को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त आईवी राव से प्रशिक्षण लेने के लिए उनके मां-बाप ने विशाखापत्तनम स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण साई में भर्ती कराया।
एक साल बाद ही 2010 में उन्हें इरोड नेशनल में गोल्डन बेस्ट बॉक्सर घोषित किया गया।[10]
ज़रीन ने अपना पहला स्वर्ण पदक 2010 में नेशनल सब जूनियर मीट में जीता। उसके बाद तुर्की में 2011 के महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में उन्हें फ्लाइवेट डिवीज़न में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक मिला। ज़रीन का तुर्की में मुक्केबाज़ उलकू डेमीर से मुक़ाबला था, जिसे उन्होंने 27:19 स्कोर के साथ तीन राउंड के बाद ही जीत लिया।[1]
हालाँकि, वह 2013 में बुल्गारिया के महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप में इतिहास को दोहरा नहीं सकीं और रजत पदक ही जीतीं।[10] फिर 2014 में ज़रीन ने 51 किलो वर्ग में रूस की पल्टसेवा एकातेरिना को हराते हुए सर्बिया के नोवी सैड में आयोजित तीसरे नेशन्स कप इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया।[11]
2015 में ज़रीन ने असम में 16वीं सीनियर वूमेन नेशनल बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता।[3] इसके कुछ साल बाद बैंकॉक में आयोजित थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट 2019 में रजत जीता।[2]
2019 में बुल्गारिया की राजधानी सोफिया में आयोजित स्ट्रैंड्जा मेमोरियल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में ज़रीन ने 51 किलोग्राम वर्ग में फिलिपीन की आयरिश मैग्नो को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया।[12] इसी साल जूनियर नैशनल मुक़ाबलों में ज़रीन ने गोल्ड जीता और 'बेस्ट बॉक्सर' भी घोषित की गईं।
इसके बाद ज़रीन ने मैरी कॉम के साथ ट्रायल करवाने की माँग यह कहते हुए की कि उन्हें भी ओलंपिक क्वालिफायर में हिस्सा लेने का मौका मिलना चाहिए। उनकी इस माँग पर मुक्केबाज़ी महासंघ ने मैरी कॉम के लिए भी ट्रायल को ज़रूरी बना दिया और निखत और मैरी के बीच ट्रायल करवाया।
दोनों के बीच ट्रायल एकतरफा रहा और मैरी ने आसानी से निखत ज़रीन को 9-1 से हराते हुए क्वालीफायर्स में जगह बना ली।[8]
वेलस्पन समूह ज़रीन की सहायता कर रहा है और भारतीय खेल प्राधिकरण के टारगेट ओलंपिक पोडियम में भी वो शामिल हैं।[13] उन्हें उनके होम टाउन निज़ामाबाद, तेलंगाना का आधिकारिक ब्रांड एंबेसडर बनाया गया।[14]
वर्ल्ड नंबर 1 बनी बॉक्सर निखत जरीन, थाईलैंड की बॉक्सर को 5-0 से हराकर जीता गोल्ड भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन बनीं नई विश्व मुक्केबाजी चैंपियन, 52 किग्रा वर्ग में जीता स्वर्ण निकहत जरीन विश्व में विश्व चैंपियन बनने वाली पांचवीं भारतीय महिला हैं. फाइनल में थाईलैंड की मुक्केबाज को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता