निर्माण कार्य मुख्यतः स्थल आधारित कार्य है जिसमें बहुत से खतरे सम्भव हैं। निर्माण-स्थल पर किए जाने वाले कुछ मुख्य कार्य ये हैं- गृह-निर्माण, मार्ग निर्माण, अधोसंरचना का रखरखाव और मरम्मत। इस काम में बहुत से ऐसे काम हैं जो खतरों से भरे होते हैं, जैसे ऊँचाई पर जाकर काम करना, उत्खनन (खुदाई), हल्ला, धूल, शक्ति-औजार (पॉवर टूल्स), आदि। इनमें से भी अधिकांश मौतें इन चार कारणों से होतीं हैं- गिरने से, किसी वस्तु के टकराने से लगी चोट से, बिजली का धक्का लगने से, और किन्हीं दो वस्तुओं के बीच में फंसने/दबने से।[1]
पिछले कुछ वर्षों में विकासशील तथा अविकसित देशों में निर्माण कार्य बढ़ रहे हैं। इसके कारण निर्माण से सम्बन्धित मौतों की संख्या भी बढ़ गयी है। किसी कार्यस्थल पर अपने व्यवसाय से सम्बन्धित कार्य करते हुए हुई मृत्यु को व्यावसायिक मृत्यु कहते हैं। निर्माण स्थल पर सभी प्रकार के सुरक्षात्मक उपाय करके ही काम करना बहुत आवश्यक है।