Neil Island शहीद द्वीप | |
---|---|
भूगोल | |
अवस्थिति | बंगाल की खाड़ी |
निर्देशांक | 11°50′N 93°02′E / 11.83°N 93.04°Eनिर्देशांक: 11°50′N 93°02′E / 11.83°N 93.04°E |
द्वीपसमूह | अण्डमान द्वीपसमूह |
आसन्न जल निकाय | हिन्द महासागर |
क्षेत्रफल | 13.7 km2 (5.29 sq mi)[1] |
लम्बाई | 3.7 km (2.3 mi) |
चौड़ाई | 6.3 km (3.91 mi) |
तटरेखा | 19.4 km (12.05 mi) |
अधिकतम ऊँचाई | 101 m (331 ft)[2] |
उच्चतम बिन्दु | निप्पल पहाड़ |
प्रशासन | |
ज़िला | दक्षिण अण्डमान ज़िला |
द्वीपसमूह | अण्डमान द्वीपसमूह |
द्वीप उपसमूह | रिची द्वीपसमूह |
तहसील | पोर्ट ब्लेयर |
बृहतम बस्ती | नील केन्द्र (pop. 1000) |
जनसांख्यिकी | |
जनसंख्या | 3040 (in 2011) |
जन घनत्व | 222.00 /km2 (574.98 /sq mi) |
जातीय समूह | हिन्दू, अण्डमानी |
अन्य सूचना | |
समय मण्डल | |
पिनकोड | 744104[3] |
दूरभाष कोड | 031927[4] |
ISO code | IN-AN-00[5] |
आधिकारिक जालस्थल | www |
साक्षरता | 84.4% |
औसत ग्रीष्म तापमान | 30.2 °से. (86.4 °फ़ै) |
औसत शीत तापमान | 23.0 °से. (73.4 °फ़ै) |
लिंगानुपात | 1.2 ♂/♀ |
जनगणना कोड | 35.639.0004 |
भाषाएँ | हिन्दी, अंग्रेज़ी |
नील द्वीप (Neil Island), जिसका औपचारिक नाम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की स्मृति में शहीद द्वीप (Shaheed Dweep) है, भारत के अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह का एक द्वीप है। यह प्रशासनिक रूप से दक्षिण अण्डमान ज़िले के अंतर्गत आता है और पोर्ट ब्लेयर से 36 किमी पूर्वोत्तर में स्थित है।[6][7]
30 दिसम्बर 1943 को सुभाष चन्द्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था और उन्होंने अण्डमान और निकोबार को ब्रिटिश राज से मुक्त भारत का प्रथम भाग बनाया था। इसके बाद उन्होंने अण्डमान द्वीपसमूह को स्वराज द्वीप और निकोबार द्वीपसमूह को शहीद द्वीप नाम दिया। इसकी स्मृति में दिसम्बर 2018 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नील द्वीप का नाम शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप का नाम स्वराज द्वीप घोषित करा।