![]() | |
कंपनी प्रकार | सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम |
---|---|
उद्योग | परमाणु ऊर्जा, विद्युत उत्पादन |
स्थापित | सितम्बर 1987[1] |
मुख्यालय | 16वां तल, सेंटर- I, वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, कफ परेड, कोलाबा,[2], मुंबई , भारत |
प्रमुख लोग | एस. के. शर्मा अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक |
उत्पाद | विद्युत |
उत्पादन पैदावार | 46472 MU (2019-20) [3] |
आय | ![]() |
परिचालन आय | ![]() |
शुद्ध आय | ![]() |
कुल संपत्ति | ![]() |
कुल हिस्सेदारी | ![]() |
मालिक | भारत सरकार (100%) |
कर्मचारियों की संख्या | 11,233 (मार्च 2019) |
वेबसाइट | आधिकारिक जालस्थल |
न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (अंग्रेजी: Nuclear Power Corporation of India Limited (NPCIL)), भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। सितंबर 1987 में कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत इस कंपनी को सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर पंजीकृत किया गया था। इस कंपनी का उद्देश्य परमाणु ऊर्जा अधिनियम-1962 के तहत भारत सरकार की योजनाएं और कार्यक्रमों के अनुसरण में बिजली का उत्पादन करने हेतु परमाणु बिजली घर का परिचालन तथा नाभिकीय शक्ति परियोजनाएं कार्यान्वित करना है।
एनपीसीआईएल, परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के साथ ज्ञापन पत्र हस्ताक्षरित करनेवाली कंपनी है। वर्तमान में एनपीसीआईएल 4120 एमडब्ल्युई की कुल संस्थापित क्षमता के साथ 17 नाभिकीय उर्जा संयंत्र का प्रचालन कर रहा है जिसमें 5 रिएक्टर निर्माणाधीन है; दोनों की कुल क्षमता 2660 एमडब्ल्युई है। एनपीसीएल को 285 रिएक्टर वर्ष से अधिक वर्ष सुरक्षित तरीके से न्युक्लियर पावर प्लांट का प्रचालन करने का अनुभव प्राप्त है। “पहले संरक्षा फिर उत्पादन” के आदर्श के साथ एनपीसीआईएल अपने प्लांट का परिचालन करता है।
एनपीसीआईएल ने एक्स योजना (2002 - 2007) में करीबन 90 अरब युनिट बिज़ली का उत्पादन किया है जोकि तय किये गये लक्ष्य से 10% अधिक था और 1300 एमडब्ल्युई क्षमता के लक्ष्य के समक्ष 1180 एमडब्ल्युई का लक्ष्य प्राप्त किया जिससे जाहिर है कि तय किये गये क्षमता से 91% अधिक बढोत्तरी की है।
इकाई | प्रकार | क्षमता (MWe) |
आरंभ |
---|---|---|---|
TAPS-1 (तारापुर, महाराष्ट्र) | BWR | 160 | अक्टूबर 28, 1969 |
TAPS-2 (तारापुर, महाराष्ट्र) | BWR | 160 | 28 अक्टूबर 1969 |
RAPS-1 (रावतभाटा, राजस्थान) | PHWR | 100 | 16 दिसम्बर 1973 (बंद हो चुका है) |
RAPS-2 (रावतभाटा, राजस्थान) | PHWR | 200 | 1 अप्रैल 1981 |
MAPS-1 (कालपक्कम, तमिलनाडु) | PHWR | 220 | 27 जनवरी 1984 |
MAPS-2 (कालपक्कम, तमिलनाडु) | PHWR | 220 | 21 मार्च 1986 |
NAPS-1 (नरौरा, उत्तर प्रदेश) | PHWR | 220 | 1 जनवरी 1991 |
NAPS-2 (नरौरा, उत्तर प्रदेश) | PHWR | 220 | 1 जुलाई 1992 |
KAPS-1 (काकरापार, गुजरात) | PHWR | 220 | 6 मई 1993 |
KAPS-2 (काकरापार, गुजरात) | PHWR | 220 | 1 सितंबर 1995 |
KGS-2 (कैगा, कर्नाटक) | PHWR | 220 | 6 मई 2000 |
RAPS-3 (रावतभाटा, राजस्थान) | PHWR | 220 | 1 जून 2000 |
KGS-1 (कैगा, कर्नाटक) | PHWR | 220 | 6 नवम्बर 2000 |
RAPS-4 (रावतभाटा, राजस्थान) | PHWR | 220 | 23 दिसम्बर 2000 |
TAPS-4 (तारापुर, महाराष्ट्र) | PHWR | 540 | 12 सितंबर 2005 |
TAPS-3 (तारापुर, महाराष्ट्र) | PHWR | 540 | 18 अगस्त 2006 |
KGS-3 (कैगा, कर्नाटक) | PHWR | 220 | 6 मई 2007 |
RAPS-5 (रावतभाटा, राजस्थान) | PHWR | 220 | 4 फ़रवरी 2010 |
RAPS-6 (रावतभाटा, राजस्थान) | PHWR | 220 | 31 मार्च 2010 |
कुल क्षमता | 4560 |
सरकार द्वारा निजी कंपनियों को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में आने की अनुमति देने के फैसले के बाद से निगम अपने कर्मचारियों को निजी कंपनियों द्वारा प्रलोभन दिये जाने की समस्या से जूझ रहा है।[6]
निर्माणाधीन इकाइयां | प्रकार | क्षमता (MWe) |
अनुमानित तिथि |
---|---|---|---|
KNPP-1 (कूंडनकुलम, तमिलनाडु) | दाभापारि | 1000 | दिसंबर-2010[7] |
KNPP-2 (कूंडनकुलम, तमिलनाडु) | दाभापारि | 1000 | जून-2011[7] |
KGS-4 (कैगा, कर्नाटक) | दाभापारि | 220 | अगस्त-2010[8] |
KAPS-3 (काकरापार, गुजरात) | दाभापारि | 700 | जून-2015[9] |
KAPS-4 (काकरापार, गुजरात) | दाभापारि | 700 | दिसंबर- 2015[9] |
RAPS-7 (Rawatbhata, राजस्थान) | दाभापारि | 700 | जून-2016[10] |
RAPS-8 (रावतभाटा, राजस्थान) | दाभापारि | 700 | दिसंबर-2016[10] |
कुल क्षमता | 5020 |