पंचगनी Panchgani पाचगणी | |
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पंचगनी पहाड़ियाँ | |
निर्देशांक: 17°55′30″N 73°48′00″E / 17.925°N 73.800°Eनिर्देशांक: 17°55′30″N 73°48′00″E / 17.925°N 73.800°E | |
देश | भारत |
राज्य | महाराष्ट्र |
ज़िला | सतारा ज़िला |
ऊँचाई | 1293 मी (4,242 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 14,894 |
भाषा | |
• प्रचलित | मराठी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 412805 |
पंचगनी (Panchgani) भारत के महाराष्ट्र राज्य के सतारा ज़िले में स्थित एक नगर है। यह पश्चिमी घाट में स्थित एक हिल स्टेशन है, जहाँ कई पर्यटक आकर्षण हैं। यह महाबलेश्वर से 20 किमी, पुणे से 108 किमी और मुम्बई से 250 किमी दूर है। पंचगनी कई प्रमुख आवासीय शिक्षण संस्थानों के लिए भी प्रसिद्ध है।[1][2]
पंचगनी की खोज ब्रिटिश लोगों के द्वारा की गयी थी यह ब्रिटिश लोगों के लिए गर्मियों से बचने के एक जगह के रूप में प्रसिद्ध था। १८६० के दशक में जॉन चेस्सों नामक एक अंग्रेज अधीक्षक नियुक्त हुआ था। उसने पश्चिमी दुनिया के बहुत सारे पौधों की प्रजातियों को पंचगनी में लगाया जिसमे सिल्वर ओक एवं पोइंसेत्टिया प्रमुख हैं। जो अब पूरी तरह से पंचगनी के ही समझे जाते हैं। महाबलेश्वर ब्रिटिश लोगों के लिए गर्मी की पसंदीदा जगह थी लेकिन मानसून के दौरान यह निर्जन एवं रहने के लायक नहीं रह जाता था। पंचगनी का मौसम सालों भर खुशनुमा होता था इसलिए इसको अंग्रेजों द्वारा इससे आराम गृह के तौर पर विकसित किया। जॉन चेस्सन को एक उपयुक्त जगह खोजने के लिए प्रतिनियुक्त किया गया था। उन्होंने रुस्तमजी दुबाश की सहायता से इस क्षेत्र में पहाड़ियों का सर्वेक्षण किया, और अंत में पांच गांवों के आसपास के क्षेत्र को चुना एवं पंचगनी। इसके अधीक्षक के तौर पर चेस्सन को नियुक्त किया गया।
पंचगनी के बुनियादी ढाँचे को विकसित करने के लिए चेस्सन ने विभिन पेशेवरों को यहाँ बसाने के लिए जिसमे दरजी, धोबी , कसाई, सब्जी विक्रेताओं, बिल्डिंग ठेकेदार इत्यादि प्रमुख थे। उनको बाज़ार के नीचे वाले क्षेत्र को आवंटित किया गया एवं यह ग्राम स्थान के नाम से जाना जाता था। चेस्सन को सेंट पीटर चर्च के कब्रिस्तान में दफन किया गया है।
पंचगनी सहयाद्री पर्वत शृंखला के पाँच पहाड़ियों के मध्य में बसे है, इसके अलावा इसके चारों ओर पांच गांव भी बसे हैं जो निमंलिखित हैं दंदेघर, खिंगर, गोद्वाली, अमरल एवं तैघाट हैं। कृष्णा नदी यहाँ पास से ही बहती है एवं इसपर एक बांध भी बनाया गया है।
पंचगनी कास पठार से लगभग एक घंटे की ड्राइव पर है। यह पुणे से दो घंटे की दूरी पर एवं गोवा से आनेवाले यात्रियों के लिए पंचगनी एक रुकने की जगह है। यहाँ रहने के लिए कई सुविधाएं हैं जिसमे होटल, घर और शिविर इत्यादि शामिल हैं।
सीमाएं: - प्रमुख शहरों से पंचगनी की दूरी इस प्रकार हैं: मुंबई से - 285 किमी - - पुणे से 100 किमी महाबलेश्वर से - 18 किमी, सतारा से - 45 किमी और वाई से - 10 किमी की दूरी पर हैं
पंचगनी का तापमान सर्दियों के दौरान 12C के आसपास होता है, और कभी कभी गर्मियों के दौरान 34C पहुंचता है; हालांकि नमी का स्तर बहुत ही निम्न होता है।
भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, पंचगनी की आबादी 14,894 की थी जिसमे पुरुषों की आबादी 8,335, और महिलाओं के 6,559 हैं। पंचगनी की साक्षरता 92.49% हैं, (जो 82.34% के राज्य के औसत से अधिक है)। पुरुष और महिला साक्षरता 95.49% और 88.70% क्रमशः है।