पद्मिनी राउत (ओड़िया: ପଦ୍ମିନୀ ରାଉତ, अंग्रेज़ी: Padmini Rout) एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी है जिन्होंने इण्टरनैशनल मास्टर और वुमेन ग्रैण्डमास्टर का ख़िताब हासिल किया हुआ है। पद्मिनी का जन्म ५ जनवरी १९९४ को हुआ था और उन्होंने २००८ में दो बार अण्डर-१४ (U-14) लड़कियों की विश्व चैम्पियनशिप और भारतीय महिला चैम्पियनशिप की जीत हासिल की थी।
ओड़िशा के बड़म्बागढ़ में जन्म हुई पद्मिनी राउत ने खेल के लिए अपने पिता के जुनून की वजह से नौ वर्ष उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। २००५ और २००६ में, वह दोनों भारतीय अण्डर-१३ (U-13) लड़कियों चैम्पियन और एशियाई अण्डर-१२ (U-12) चैम्पियन थी।[1] पद्मिनी राउट ने २००८ में एशियाई और विश्व युवा चेस चैम्पियनशिप दोनों के U-14 लड़कियों का ख़िताबा जीता था। २००१ में पद्मिनी ने भारतीय जूनियर (U-19) लड़कियों की चैम्पियनशिप जीती और दोनों एशियाई और विश्व जूनियर गर्ल्स चैम्पियनशिप में कांस्य पदक भी जीता।[2] २०१४ ०र २०१५ में पद्मिनी राउट ने भारतीय महिला चैम्पियनशिप जीती। २०१५ में, वह राष्ट्रमण्डल महिला चैम्पियन भी बन गईं।[3] और पद्मिनी राउत ने ट्रॉम्सो, नॉर्वे में २०१४ महिला शतरंज ओलम्पियाड में भारतीय राष्ट्रीय टीम के लिए आरक्षित बोर्ड पर एक व्यक्तिगत स्वर्ण पदक भी जीता।